scriptमंत्री पद पाने वालों की लामबंदी तेज | Leaders run from Bengaluru to Delhi | Patrika News

मंत्री पद पाने वालों की लामबंदी तेज

locationबैंगलोरPublished: Oct 04, 2018 09:02:09 pm

Submitted by:

Rajendra Vyas

बेंगलूरु से दिल्ली तक नेताओं की परिक्रमा

politics

मंत्री पद पाने वालों की लामबंदी तेज

कांग्रेस में दावेदारों की सूची लंबी

कर्नाटक में मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद
बेंगलूरु. कर्नाटक में कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारियों के बीच मंत्री पद पाने वालों ने लामबंदी तेज कर दी है। ज्यादा जद्दोजहद कांग्रेस पार्टी के विधायकों में है, जिन्होंने पार्टी के प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व तक अपने नाम की दावेदारी में पूरी ताकत लगा रखी है। साथ ही कुछ दावेदार विधायकों ने पहले ही दिल्ली में डेरा डाल रखा है। प्रदेश नेतृत्व में सिद्धरामय्या, मल्लिकार्जुन खरगे, जी परमेश्वर, डी.के. शिवकुमार के माध्यम से पार्टी पर दबाव डाला जा रहा है। कई विधायकों के 6 अक्टूबर तक दिल्ली जाने की चर्चा है। कांग्रेस में दावेदारों की सूची लंबी है। लिहाजा किसे मंत्री बनाया जाए? पद पाने से वंचित रहने वालों को किस तरह समझाया जाए? इत्यादि बिंदुओं को लेकर आलाकमान मंथन कर रहा है। बगावती तेवर दिखाने वाले प्रमुख दावेदारों इस बार मंत्री बनने की उम्मीद पाले हुए हैं।
निगम-मंडल नियुक्ति पर फैसला शीघ्र होगा
सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस ने मंत्रिमंडल विस्तार के बाद उभरने वाले असंतोष को कम करने के मकसद से पहले निगम, बोर्ड में नेताओं के मनोनयन की रणनीति बनाई है। कांग्रेस ने 15 प्रमुख निगम, बोर्ड के अध्यक्ष पदों के लिए सूची तैयार की है, जिसमें से 12 पद विधायकों को और शेष 3 पद कार्यकर्ताओं को दिए जा सकते हैं। यह सूची शीघ्र जारी हो जाने की संभावना है। इसकी पहली सूची में बैरती बसवराज, बी.के. संगमेश, एस.टी. सोमशेखर, बी.सी. पाटिल, भीमा नायक, रामप्पा, रघुमूर्ति, अखंड श्रीनिवासमूर्ति, नागेश, शिवराम हेब्बार स्थान मिल सकता है। उधर, विपक्ष में बैठी भाजपा ने कांग्रेस के ऐसे विधायकों पर नजरें गड़ा रखी हैं, जिन्हें मंत्री पद ना मिलने के बाद ललचाया जा सकता है।
जद-एस: एक अनार, सौ बीमार वाली स्थिति
जद-एस के पास सिर्फ एक मंत्री पद रिक्त है लेकिन दावेदारों की संख्या ज्यादा है। पिछले विस्तार में वरिष्ठ नेताओं को दूर रखने के लिए पार्टी ने विधान परिषद के किसी भी सदस्य को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया था। इस बार पार्टी पर एकमात्र रिक्त पद परिषद के सदस्य को देने का दबाव है। परिषद के सातवीं बार सदस्य चुने गए बसवराज होरट्टी पिछली बार भी मंत्री पद के प्रबल दावेदार थे लेकिन उन्हें निराश होना पड़ा। पार्टी ने उन्हें परिषद का सभापति बनाने का प्रस्ताव दिया था लेकिन वे इसके इच्छुक नहीं थे। हालांकि, बाद में डॉ डी एच शंकरमूर्ति के सेवानिवृत होने के बाद वरिष्ठता के आधार पर होरट्टी को ही कार्यवाहक सभापति मनोनीत किया गया। जुलाई में हुए अधिवेशन में नए सभापति का चुनाव नहीं होने के कारण अभी होरट्टी इसी पद पर हैं। जद-एस सूत्रों का कहना है कि परिषद के सभापति का चुनाव अगले सत्र में होगा और पार्टी होरट्टी को स्थाई सभापति बनाए जाने के पक्ष में हैं। होरट्टी के अलावा कारोबारी से नेता बने बी एम फारुख और टी ए सरवण्णा मंत्री पद के दावेदार हैं। हालांकि, जद-एस में मंत्री पद किसे मिलेगा इसका फैसला कुमारस्वामी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एच डी देवेगौड़ा ही करेंगे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो