सीखें अपना लाइफ मैनेजमेंट- डॉ. दर्शनप्रभा
बैंगलोरPublished: Oct 17, 2021 08:18:13 am
धर्मसभा का आयोजन
सीखें अपना लाइफ मैनेजमेंट- डॉ. दर्शनप्रभा
बेंगलूरु. गुरु जेष्ठ पुष्कर दरबार चामराजपेट में विराजित साध्वी डॉ.समृद्धि ने कहा अपने आप से सवाल पूछो हू आई एम, मैं कौन हूं। मुझे कहां जाना है मैं यहां क्यों आया हूं, अपने आपसे प्रश्न करना है, सेल्फ ऑब्जरवेशन करना है, तभी हम जागृत रह सकते हैं। इस मानव भव का सार निकाल सकते हैं। इस दुनिया के अंदर महापुरुष हुए हैं होते रहेंगे। जो होंगे उनको हम देख नहीं सकते, जो हैं उन्हें पहचानने की अंतर्दृष्टि चाहिए। लेकिन जो हो चुके हैं उन वीतराग अर्हत पुरुषों की वाणी वेद पिटक आगम जिन सूत्र कुरान बाइबल या गीता के रूप में आज भी हमारे बीच मौजूद हैं। साध्वी डॉ. दर्शनप्रभा ने कहा कि महावीर महापुरुष हुए हैं। इस दुनिया की रीत है कि मरने के बाद ही पूछती है। मरने के बाद हम हर महापुरुष की प्रतिमा बनाते हैं, मंदिर बनाते हैं और उसकी पूजा करते हैं। जीते जी तो जिसे शूली पर चढ़ाते हैं महावीर के कानों में कीलें ठोकते ह।ैं यह दुनिया भी गजब है जब राम जी चले गए तो सारी दुनिया राम नाम का जाप कर रही है पर जब वे थे तब लोग उनकी भी आलोचना करते थे। अब सीताराम सीताराम कर रहे हैं पर जब थे तब सीता पर अंगुली उठाते रहे थे। जब तक जीवित रहे तब तक उद्धव जैसे लोगों ने यह कहा कि कृष्ण गोपियों के पीछे पागल हैं लेकिन आज उन्हीं गोपियों राधा को याद कर कर के लोग अपनी जिव्हा को को निर्मल करते हैं और अपने भावों के पापों को काटने उनके पुण्य प्रभाव का उपयोग करते हैं। मरने के बाद पूछना मनुष्य की पुरानी आदत है। यह अज्ञानता है। लेकिन अज्ञानता का प्रदर्शन की वजह से ही वह मरने के बाद महापुरुषों की पूजा शुरू कर देते हैं।