शिवाजीनगर से कामराज रोड होते हुए ट्रैक्टर पर सवार होकर गणपति जी अलसूर जलाशय की ओर जा रहे हैं।
शोभायात्रा में बच्चों की मौजूदगी अधिक है। आखिर त्योहारों की नन्हें-मुन्नों से अधिक भला किस होत सकती है।
ढोल-नगाड़ों की थाप पर नाचते श्रद्धालु और सजी-धजी गलियां अनोखा नजारा बना रहे हैं।
बड़ी मूर्तियों को क्रेन की मदद से विसर्जित किया जा रहा है। इसके लिए प्रशिक्षित लोग जलाशय के पास तैनात हैं।
गणपति अपने धाम चले।
विसर्जन से पूर्व हर कोई मूर्ति को कैमरे में रख लेना चाहता है।
विसर्जन के उपरांत जलाशय की सफाई का दौर भी शुरू हो जाता है।
बड़ी मशीनों के सहारे लकड़ी, घास को हटाने का दृश्य।