बैंगलोर

बर्खास्त कर्मचारियों की वापसी आसान नहीं

हड़ताल के दौरान कार्रवाई 2941 कर्मचारी बर्खास्त

बैंगलोरApr 23, 2021 / 10:08 am

Sanjay Kulkarni

बर्खास्त कर्मचारियों की वापसी आसान नहीं

बेंगलूरु. राज्य सरकार ने परिवहन निगम कर्मचारियों की 15 दिन लंबी हड़ताल के दौरान करीब तीन हजार कर्मचरियों को बर्खास्त कर दिया था, उनकी वापसी आसान नहीं होगी।
हड़ताल के दौरान कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम, (केएसआरटीसी), बेंगलूरु महानगर परिवहन निगम (बीएमटीसी), उत्तर पूर्व कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (एनकेआरसीटी) तथा उत्तर पश्चिम सड़क परिवहन निगम (एनडब्लूकेआरटीसी) के 2,941 स्थायी, प्रशिक्षु तथा परिवीक्षाधीन कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया।
निगम के नियमों के मुताबिक कर्मचारी को 2 वर्ष प्रशिक्षु तथा उसके पश्चात 2 वर्ष परिवीक्षाधीन कर्मचारी के रूप में सेवा देना अनिवार्य है। इस दौरान उनकी सेवा तय मानदंडों के अनुरूप होने पर ही उन्हें स्थायी कर्मचारी मान कर निर्धारित वेतनश्रेणी के तहत वेतन का भुगतान किया जाता है। लेकिन हड़ताल के दौरान निगम ने आदेशों का उल्लंघन करने के कारण ऐसे कर्मचारियों को सेवा से निष्कासित कर दिया गया है। उनके पास निगम के इस आदेश को चुनौती देने का कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है। बर्खास्त कर्मचारी श्रम या सिविल अदालत में याचिका दायर कर सकते है। लेकिन ऐसी कानूनी जंग काफी लंबे समय तक चलती है।
उधर, केएसआरटीसी स्टाफ एंड वर्कस यूनियन के अध्यक्ष एचवी अनंतसुब्बाराव चाहते है कि परिवहन निगम हड़ताल के दौरान निलंबित, निष्कासित तथा स्थानांतरित कर्मचारियों से हलफनामा लिखवाकर उन्हें सेवा में वापस ले।जिन कर्मचारियों ने बसों पर पथराव किया, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। पथराव के दौरान कई चालक घायल हुए है। बेलगावी जिले के जमखंडी में एक चालक की मौत भी हुई। यह एक अक्षम्य अपराध होने के कारण ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि केएसआरटीसी, बीएमटीसी समेत राज्य के 4 परिवहन निगमों में 1 लाख 30 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं। हड़ताल के दौरान 2 हजार 159 स्थायी, प्रशिक्षु तथा परिवीक्षाधीन कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया। 2,941 कर्मचारियों को निलंबित किया गया है। 1039 कर्मचारियों के अंतरविभागीय तबादले किए गए हैं।

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