मनोवैज्ञानिक, सामाजिक, आर्थिक, पारिवारिक, व्यक्तिगत एवं परिस्थकीय कारण
डॉ. पूर्णिमा बी. ने कहा कि दुनिया भर में आत्महत्या के मामलों में चिंताजनक रूप से तेजी आई है। सिक्किम में खुदकुशी दर वैश्विक स्तर से तीन गुना ज्यादा है। आत्महत्या के मामले में कर्नाटक की स्थिति भी चिंताजनक है। आत्महत्या के कारणों और इसके लक्षणों की पहचान कर सकें तो हर व्यक्ति अपने आसपास के लोगों की मदद कर उन्हें ऐसा करने से रोकने में अहम भूमिका निभा सकता है। आत्महत्या के पीछे मनोवैज्ञानिक, सामाजिक, आर्थिक, पारिवारिक, व्यक्तिगत एवं परिस्थकीय कारण होते हैं।
काउंसिलिंग और उपचार जरूरी
अगर किसी को खुदकुशी के विचार आ रहे हैं तो किसी करीबी से बात साझा करनी चाहिए। हेल्पलाइन या पेशेवर परामर्शदाता या मनोचिकित्सक से बात करनी चाहिए। परिवार और दोस्त आसपास रहें। मानसिक रूप से परेशान लोगों की काउंसिलिंग और उपचार जरूरी है।