बैंगलोर

संतों का जीवन जिनशासन के लिए: आचार्य चंद्रयश

आचार्य का चातुर्मास सिद्धाचल स्थूलभद्र धाम में

बैंगलोरMar 24, 2024 / 02:18 pm

Santosh kumar Pandey

बेंगलूरु. सिद्धाचल स्थूभद्र धाम में आचार्य चंद्रयश सूरीश्वर की 42 वीं दीक्षा तिथि के निमित्त फागण फेरी विरती उत्सव का आयोजन तीर्थ स्थल में हुआ। उत्सव में चेन्नई, बेंगलूरु, मैसूर दावणगेरे, कोलार सहित अन्य शहरों से भक्त दादा आदिनाथ की यात्रा करने के लिए उमड़ पड़े। प्रातः जिनालय का नेमिनाथ परमात्मा के जयकारों के साथ ध्वजारोहण हुआ। फागण फेरी यात्रा कई मंदिरों से होती हुई मुख्य दादा के टूंक में पहुंची। विरती उत्सव प्रवचन सभा मंडप में आचार्य का स्वागत हुआ।
उन्होंने कहा कि संतों का जीवन जिनशासन के लिए होता है,वह कभी अपने लिए नहीं जीते। जीवन में किसी की निंदा करना मत,सुनना मत और कोई कर रहा है तो उसकी संगति छोड़ देना। किसी का दोष नहीं, अपितु सद्गुण देखना।
संसार के अंदर हम लोग संपत्ति के पीछे भागते हैं किंतु हम वह भूल चुके हैं कि धर्म की वजह से हमें पुण्य प्राप्त हुआ है और पुण्य की वजह से संपत्ति प्राप्त हुई है। अधर्म के मार्ग में अगर वह हम संपत्ति व्यय करेंगे तो हमारा भविष्य अच्छा नहीं है। संपत्ति धर्म के मार्ग में ही जानी चाहिए। तीर्थ के विकास में योगदान देेनेवाले दानवीरों की अनुमोदना की।
फाउंडर ट्रस्टी प्रकाश कोठारी ने स्वागत किया और कहा कि आचार्य का उपकार आने वाली पीढ़ी भी सदियों तक नहीं भूल पाएगी। क्योंकि दक्षिण भारत में गुरुदेव ने पालिताना को ला दिया है।

सचिव इन्द्रचंद बोहरा, गौतम बन्दामुथा ने विचार व्यक्त किए।
आचार्य को काम्बली वोहराने का लाभ जवरीलाल प्रकाशचंद बंब परिवार ने लिया।

संगीतकार नरेन्द्र वाणिगोता ने भक्ति संगीत की प्रस्तुति दी।

प्रकाश कोठारी, इन्द्रचंद बोहरा, संपतराज कोठारी, चंपालाल बाफना,जयचंद चुत्तर, सोहन वेदमुथा, गौतम बंदामुथा, सुरेश वेदमुथा, रमेश लूंकड, निर्मल जाबक, रमनलाल संघवी, जयेशभाई,, मनोज बाफना, भंवरलाल चौधरी सहित अन्य उपस्थित रहे।
आचार्य ने संघों की विनती पर सिद्धाचल स्थूलभद्र धाम तीर्थ क्षेत्र में अपना आगामी चातुर्मास घोषित किया।सुमतिनाथ जैन मंडल, मैसूरु को दक्षिण केशरी शिरोमणि पदवी से अलंकृत किया गया।
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