बैंगलोर

वर्चस्व की जंग में गठबंधन धर्म दरकिनार

भाजपा की ताकत घटाने के लिए कांग्रेस और जनता दल-एस ने हाथ तो मिला लिए लेकिन स्थानीय स्तर पर वर्चस्व की जंग में गठबंधन धर्म दरकिनार है।

बैंगलोरMar 19, 2019 / 01:31 am

शंकर शर्मा

वर्चस्व की जंग में गठबंधन धर्म दरकिनार

संजय कुलकर्णी

बेंगलूरु. भाजपा की ताकत घटाने के लिए कांग्रेस और जनता दल-एस ने हाथ तो मिला लिए लेकिन स्थानीय स्तर पर वर्चस्व की जंग में गठबंधन धर्म दरकिनार है। दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं की सहमति से राज्य के 28 लोकसभा क्षेत्रों में से 20 पर कांग्रेस और 8 पर जनता दल (एस) के चुनाव लडऩे का समझौता हुआ। लेकिन, भाजपा से दो-दो हाथ करने से पहले गठबंधन की दरारें चौड़ी होती जा रही हैं।

बूथस्तरीय कार्यकर्ता एक-दूसरे को सहयोग करने के लिए मानसिक रुप से तैयार नहीं नजर आ रहे हैं। कार्यकर्ताओं की परेशानी यह है कि अभी तक चुनावों में एक-दूसरे से हाथापाई करते रहे अब, एक साथ मिलकर चुनाव प्रचार कैसे करें। दोनों दलों के स्थानीय नेताओं को इस बात का डर है कि गठबंधन के कारण क्षेत्र में उनका वर्चस्व ही खत्म हो जाएगा।


ओल्ड मैसूरु में कोई पीछे हटने तैयार नहीं
राज्य के मैसूरु-कोडुगू, उडुपी-चिकमगलूरु, तूमकुरु, शिवमोग्गा, मंड्या, उत्तर कन्नड़ और चिक्कबल्लापुर में दोनों दलों के स्थानीय नेता एक दूसरे के प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार करने को तैयार नहीं है। हाल ही में पर्यटन मंत्री और जनता दल (एस) के नेता एस.आर.महेश ने कांग्रेस को चेताया कि अगर कांग्रेस नेता मण्ड्या में जनता दल (एस) के प्रत्याशी निखिल कुमारस्वामी के लिए प्रचार नहीं करते है तो मैसूरु क्षेत्र में जनता दल (एस) के नेता कांग्रेस के प्रत्याशी का चुनाव प्रचार नहीं करेंगे। अगर मण्ड्या में कांग्रेस नेता तथा कार्यकर्ता परोक्ष रुप से भी सुमालता अंबरीश के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे तो कांग्रेस को इसकी बहुत बडी कीमत चुकानी होगी।महेश के इस बयान पर पलटवार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने कहा कि अगर भाजपा को हराना है तो जनता दल (एस) ने नेताओं को ऐसे बयानों से बचना होगा।


बेंगलूरु उत्तर : फंड दिए तो मिलेगा समर्थन
बेंगलूरु उत्तर लोकसभा में जनता दल (एस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एच.डी.देवेगौड़ा के प्रत्याशी होने के भनक लगते ही यशवंतपुर के विधायक ए.टी.सोमशेखर, हेब्बाल के विधायक बैराती बसवराज, पुलकेशीनगर के विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति समेत अन्य कांग्रेस विधायक लामबंद हो गए। उन्होंने मुख्यमंत्री एच.डी.कुमारस्वामी को चेताया कि अगर इस क्षेत्र में वे देवेगौडा के लिए कांग्रेस विधायकों का समर्थन चाहते है तो सबसे पहले उनके विधानसभा क्षेत्रों के लिए आवश्यक अनुदान जारी करें। शर्त मंजूर होगी तो ही कांग्रेस के विधायक देवेगौडा के लिए यहां प्रचार करेंगे। कांग्रेस के पांच विधायकों की इस चेतावनी से जनता दल (एस) पशोपेश में है।


चिक्कबल्लापुर में अड़ा जद-एस
वोक्कलिगा बहुल चिक्कबल्लापुर लोकसभा क्षेत्र में जनता दल (एस) के नेताओं ने कांग्रेस को चेतावनी दी है कि अगर यहां पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली को प्रत्याशी बनाया जाता है तो उनका समर्थन नहीं करेंगे। जद (एस) ने यहां कृष्णबैरेगौड़ा को प्रत्याशी बनाने की मांग कर कांग्रेस को संकट में डाल दिया है। इस लोकसभा क्षेत्र में वोक्कलिगा मतदाताओं की संख्या 10 लाख से अधिक है और जद-एस चाहता है कि कांग्रेस यहां किसी वोक्कलिगा प्रत्याशी को उतारे।


तूमकुरु में ‘गो बैक’ अभियान
तुमकुरु लोकसभा क्षेत्र जद (एस) को आवंटित किए जाने से यहां कांग्रेस की जिला इकाई में व्याप्त आक्रोश सर्वविदित है। हाल में पूर्व केंद्रीय मंत्री मल्लिकार्जुन खरगे, उपमुख्यमंत्री डा जी.परमेश्वर तथा कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडुराव ने भी कांग्रेस के वर्तमान सांसद मुद्दहनुमेगौडा के साथ न्याय नहीं होने की बात स्वीकार किया है। स्थानीय कांग्रेस के नेता जनता दल ‘गो बैक’ अभियान चला रहे हैं।


कोलार में कांग्रेसी ही मुनियप्पा के खिलाफ
कोलार लोकसभा क्षेत्र में सातवीं बार चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व केंद्रीय मंत्री के.एच.मुनियप्पा के खिलाफ कांग्रेस नेता ही बगावत पर उतर आए हैं। मुनियप्पा विरोधी और समर्थक गुट आलाकमान पर अपनी-अपनी मांग को लेकर दवाब डाल रहे हैं। मुनियप्पा विरोधी गुट को विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार का परोक्ष समर्थन मिल रहा है। विरोधी गुट में शामिल बंगारपेट के विधायक एस.नारायणस्वामी ने मुनियप्पा पर 410 एकड़ सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया है और दस्तावेजों समेत साबित करने की चुनौती भी दी है।


उडुपी-चिकमगलूरु में जद-एस का विरोध
उडुपी-चिकमगलूरु क्षेत्र में जनता दल का कोई जनधार नहीं होने के बावजूद यह क्षेत्र जद (एस) को आवंटित किए जाने से उडुपी तथा चिकमगलूरु दोनों जिलों के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में आक्रोश व्याप्त है। यहां वर्ष 2014 के आम चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को ५ लाख ८१ हजार १६८ तो कांग्रेस के जयप्रकाश हेगड़े को 3 लाख 99 हजार 525 मत प्राप्त हुए थे।

यहां जनता दल (एस) के प्रत्याशी पूर्व केंद्रीय मंत्री धनंजय कुमार को 14 हजार 8 95 मत प्राप्त हुए थे। इस क्षेत्र में शामिल दोनों जिलों में केवल 14 हजार मत प्राप्त करनेवाले जनता दल (एस) को यह क्षेत्र आवंटित होने के बाद स्थानीय कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जिला कांग्रेस कार्यालय के भवन में घुसकर वहां का फर्नीचर जला दिया। स्थानीय कांग्रेस नेताओं का दावा है कि यहां जनता दल (एस) का नामो निशान तक नहीं है। ऐसे में भाजपा की राह आसान हो जाएगी।


मंडया में भितरघात की आशंका सबसे अधिक
इस क्षेत्र में सभी विधायक जद-एस के होने के बावजूद उसे कांग्रेस नेताओं तथा कार्यकर्ताओं के भितरघात की चिंता सता रही है। कांग्रेस का विरोध और अंबरीश प्रशंसकों की लामबंदी से जद (एस) की परेशानी बढ़ गई है।

उत्तर कन्नड़ में नहीं होगा समन्वय
उत्तर कन्नड़ क्षेत्र में भी ऐसे ही हालात बने है। जनता दल (एस) को यह सीट दिए जाने से राजस्व मंत्री आर.वी.देशपांडे और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मार्गारेट आल्वा खफा हैं। वर्ष 2014 के आम चुनाव में यहां भाजपा के प्रत्याशी अनंत कुमार हेगड़े को 5 लाख 46 हजार 939 तो कांग्रेस के प्रत्याशी प्रशांत देशपांडे को 4 लाख 6 हजार 239 मत प्राप्त हुए थे। यहां जनता दल(एस) का प्रत्याशी तक नहीं था। ऐसे में यह क्षेत्र जनता दल (एस) को आवंटित करने के फैसले पर स्थानीय नेता तथा कार्यकर्ता सवाल उठा रहें है।


हासन में मतभेद पर जद-एस मजबूत
हासन लोकसभा क्षेत्र में भी कांग्रेस तथा जनता दल (एस) के नेताओं के बीच मतभेद गहरा गए हैं। हालांकि, यहां जनता दल (एस) की जडं़े मजबूत होने के कारण जद (एस) के नेता स्थानीय कांग्रेस नेताओं की अनदेखी करते हुए यहां पार्टी के प्रत्याशी प्रज्लव रेवण्णा की जीत के लिए मैदान में उतर गए है। जद (एस) ही यहां सत्ता का केंद्र होने के कारण कांग्रेस कमजोर होती जा रही है। लोकनिर्माण मंत्री एच.डी.रेवण्णा की पकड़ मजबूत होने के कारण यहां कांग्रेस के लिए कोई दूसरा विकल्प नहीं है।

जिले में 7 विधायक जद-एस के हैं साथ ही जिला पंचायत, ग्राम पंचायतों पर भी उसीका ही कब्जा है। वर्ष 2014 के आम चुनाव में यहां पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी.देवेगौडा को 5 लाख 9 हजार 841,कांग्रेस के प्रत्याशी ए.मंजू को 4 लाख 9 हजार 378 तथा भाजपा के प्रत्याशी सी.एच.विजयशंकर को 1 लाख 65,688 मत प्राप्त हुए थे।

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