महामस्तकाभिषेक अनुष्ठान में पिछले चार दिनों के दौरान बाहुबली के दर्शन के लिए करीब पांच लाख जैन श्रद्धाल दर्शन और अभिषेक विधान का लाभ ले चुके हैं। बेशक, भगवान बाहुबली की प्रतिमा का महामस्तकाभिषेक समारोह विंध्यगिरि पहाड़ी पर चल रहा है, लेकिन बड़ी संख्या में लोग चंद्रगिरि पहाड़ी पर भी जा रहे हैं और अब तक करीब एक लाख लोग पहुंचे हैं।
बाहुबली की प्रतिमा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता हर दिन तड़के ही लग जाता है। कलश धारी और विदेशी श्रद्धालुओं को सुबह में दर्शन की अनुमति रहती है, जबकि आम लोगों को दोपहर 2.30 बजे के बाद दर्शन कराया जाता है। तेज धूप भी श्रद्धालुओं के उत्साह को कम नहीं कर पा रही है। लोग घंटों कतार में लगे रहते हैं।
बाहुबली की प्रतिमा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता हर दिन तड़के ही लग जाता है। कलश धारी और विदेशी श्रद्धालुओं को सुबह में दर्शन की अनुमति रहती है, जबकि आम लोगों को दोपहर 2.30 बजे के बाद दर्शन कराया जाता है। तेज धूप भी श्रद्धालुओं के उत्साह को कम नहीं कर पा रही है। लोग घंटों कतार में लगे रहते हैं।
वीआर ग्लास से देखा जा रहा है विधान
महामस्तकाभिषेक के विधान को स्पष्ट रूप से दिखाने के लिए विशेष किस्म के ग्लास का उपयोग किया जा रहा है। वर्चुुअल रियलिटी (वीआर) ग्लास की मदद से महामस्तकाभिषेक के पहले दिन करीब 40,000 लोागें ने विधान देखा। मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या और संस्कृति मंत्री उमाश्री ने भी भगवान बाहुबली का दर्शन करने के लिए वीआर ग्लास का उपयोग किया।
महामस्तकाभिषेक के विधान को स्पष्ट रूप से दिखाने के लिए विशेष किस्म के ग्लास का उपयोग किया जा रहा है। वर्चुुअल रियलिटी (वीआर) ग्लास की मदद से महामस्तकाभिषेक के पहले दिन करीब 40,000 लोागें ने विधान देखा। मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या और संस्कृति मंत्री उमाश्री ने भी भगवान बाहुबली का दर्शन करने के लिए वीआर ग्लास का उपयोग किया।
आसमान से बाहुबली का दर्शन
महामस्तकाभिषेक में इस बार पहली बार श्रद्धालुओं को बाहुबली की प्रतिमा और विंध्यगिरि का दर्शन हेलीकॉप्टर से कराया जाता है। हालांकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के नियमों को देखते हुए हेलिकॉप्टर 200 मीटर से ऊपर ही मंडराता है। प्रत्येक फेरी में तकरीबन आठ मिनट के लिए दर्शन कराए जा रहे हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु हेलीकॉप्टर से दर्शन कर रहे हैं। इस सेवा को बाहुबली हेली टूरिज्म कंपनी द्वारा शुरू किया गया है और प्रति व्यक्ति 2100 रुपए का शुल्क लिया जाता है।
महामस्तकाभिषेक में इस बार पहली बार श्रद्धालुओं को बाहुबली की प्रतिमा और विंध्यगिरि का दर्शन हेलीकॉप्टर से कराया जाता है। हालांकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के नियमों को देखते हुए हेलिकॉप्टर 200 मीटर से ऊपर ही मंडराता है। प्रत्येक फेरी में तकरीबन आठ मिनट के लिए दर्शन कराए जा रहे हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु हेलीकॉप्टर से दर्शन कर रहे हैं। इस सेवा को बाहुबली हेली टूरिज्म कंपनी द्वारा शुरू किया गया है और प्रति व्यक्ति 2100 रुपए का शुल्क लिया जाता है।