पुलिस कर्मी उन्हें राज्य की सीमा तक छोड़ कर आए। यद्रावकर एमइएस की ओर से 1980 के दशक में भाषा विवाद को लेकर हुए दंगे में मरने वाले मराठी समर्थक कार्यकर्ताओं की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे।
ऑटो में पहुंचे थे मंत्री एमइएस हर साल पुराने बेलगावी शहर के हुतात्मा चौक पर शहादत दिवस का आयोजन करता है। इस बार जिला और पुलिस प्रशासन ने एमइएस को पहले ही बता दिया था कि कार्यक्रम में महाराष्ट्र के किसी नेता को शामिल नहीं किया जाना चाहिए ताकि कानून-व्यवस्था की समस्या नहीं उपजे। हालांकि, यद्रावकर पुलिस की चौकसी के बावजूद कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने में सफल रहे।
यद्रावकर ऑटो में कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे थे लेकिन वहां सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक लिया। बाद में पुलिसकर्मी यद्रावकर को पुणे-बेंगलूरु राष्ट्रीय उच्च पथ पर राज्य से सटे महाराष्ट्र की सीमा कोगनोली तक लेकर गए और वहां छोड़ दिया।
एमइएस ने पुलिस ने शिष्टाचार का उल्लंघन कर मंत्री को हिरासत में लेने का आरोप लगाया। यद्रावकर को वापस भेजे जाने के बावजूद शुक्रवार को एमइएस ने शहादत दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया। गौरतलब है कि महाराष्ट्र बेलगावाी सहित कर्नाटक में शामिल अन्य मराठी भाषी इलाकों पर दावा करता रहा है लेकिन कर्नाटक महाजन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर उसके दावे को खारिज करता रहा है। पिछले महीने इस मसले को लेकर दोनों राज्यों के नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी भी हुई थी।