महेंद्र सिंघी प्रमुख मार्गदर्शक मनोनीत
ऑल इंडिया श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन कॉन्फ्रेंस कर्नाटक राज्य कार्यकारिणी का गठन किया गया है।

हुब्बल्ली. ऑल इंडिया श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन कॉन्फ्रेंस कर्नाटक राज्य कार्यकारिणी का गठन किया गया है। प्रांतीय अध्यक्ष महावीर धोका ने जैन कॉन्फ्रेंस युवा शाखा के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री महेन्द्र सिंघी को राज्य कार्यकारिणी में प्रमुख मार्गदर्शक मनोनीत किया है। सिंघी पिछले कई वर्षों से श्रमण संघ की मातृ संस्था जैन कॉन्फ्रेंस से पिछले कई वर्षों से जुड़े हुए हैं। वे अनेक पदों पर रहते हुए सेवा कार्यों में जुड़े हुए हैं। साथ ही सिंघी वर्तमान में प्रधानमंत्री 15 सूत्रीय अल्पसंख्यक कल्याण कार्यक्रम कमेटी से जुड़े हुए हैं।
इससे पूर्व दक्षिण की काशी सिद्धारूढ़ मठ ट्रस्ट कमेटी के चेयरमैन व ट्रस्टी के रूप में भी अपनी सेवाएं प्रदान की हैं। दक्षिण पश्चिम रेलवे सलाहकार समिति के पद पर रहते हुए उन्होंने दक्षिण से उत्तर को जोडऩे के लिए अनेक रेलवे सेवाओं को शुरू करवाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
ऑल इंडिया जैन यूथ फेडरेशन महावीर लिंब सेंटर के माध्यम से उन्होंने 35 हजार से ज्यादा दिव्यांगों को कृत्रिम पाँव (जयपुर फुट) लगवा कर उनको स्वावलम्बी जीवन जीने के लिए प्रेरित किया है। सिंघी संस्कार स्कृल के भी संस्थापक अध्यक्ष हैं। वे राजनीतिक क्षेत्र में जुड़े हुए कांग्रेस पार्टी के सदस्य के रूप में राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर अनेक पदों रहते हुए कार्य कर रहे हैं। उनकी उपलब्धियों व सेवा कार्य से राष्ट्रीय अध्यक्ष पारस मोदी व प्रांतीय अध्यक्ष महावीर धोका ने सिंघी को कर्नाटक प्रांतीय प्रमुख मार्गदर्शक मनोनीत किया है।
मानव तस्करी रोकने में सहयोग करें स्वंयसेवी संगठन: अतीक
बेंगलूरु. ग्रामीण विकास व पंचायत राज विभाग के प्रमुख सचिव एलके अतीक ने कहा कि मानव तस्करी तथा बंधुआ मजदूरी जैसी बुराइयों के उन्मूलन के लिए समाज व सरकार को साथ मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। वे शुक्रवार को यहां मानव तस्करी व बंधुआ मजदूरी का अंत करने के लिए विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा गठित ‘मुक्ति महासंघ’ के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मानव तस्करी व बंधुआ मजदूरी कराना संगीन अपराध है और इनको खत्म करना एक बड़ी चुनौती है। इसे समाप्त करने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं को सरकार के साथ हाथ मिलाना होगा और इस तरह के अपराध करने वाले लोगों का पता लगाकर उनको सजा दिलानी होगी। जागरूकता लाने के लिए एक हेल्पलाइन शुरू करने की भी जरूरत है।
ज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष डीएच वघेला ने कहा कि बंधुआ मजदूरी को बढ़ावा देने वालों का पता लगाना ही एक बड़ी समस्या है और यह कार्य स्वयंसेवी संस्थाओं को करके सरकार व पीडि़तों के बीच कड़ी की तरह काम करना होगा। बंधुआ मजदूरी से मुक्त हुई पापम्मा नामक महिला ने दर्दभरी आपबीती बयान की और सरकार से अपना जीवन संवारने के लिए सहायता देने की गुहार की।
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