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वर्तमान को शक्तिशाली बनाएं: आचार्य चन्द्रयश

locationबैंगलोरPublished: May 10, 2021 04:50:53 pm

सिद्धाचल स्थूलभद्रधाम में प्रवचन

बेंगलूरु. सिद्धाचल स्थूलभद्रधाम में आचार्य चंद्रयश सूरीश्वर ने साधु-साध्वियों को वांचना में कहा कि जैसी भवितव्यता होगी, वैसा ही होगा। भावीभाव का सही अर्थ हमारे ध्यान और ज्ञान में नहीं है, पर जो केवलज्ञान की स्थिति को पा चुके केवली भगवन्त हैं उन्हें ही विदित है।
हमें वर्तमान को शक्तिशाली बनाना है तो भूतकाल को भूलना पड़ेगा और भविष्यकाल की चिंता छोडऩी पड़ेगी। वर्तमान जीवन ही ऐसा जीना चाहिए की भविष्य काल अपने आप ही मजबूत हो जाएगा। भावीभाव को निष्फल करने की ताकत अपने खुद के पुण्य बल पर जरूर निर्भर है।
सत्संग, सत्कार्य एवं सहानुभूति के कार्य करने से अपने जीवन में जो नहीं सोचा था वह कार्य अपने आप हो जाएगा। जिससे उसकी तस्वीर एवं तकदीर बदल जाएगी। समाधि भाव रखो जिससे समभाव एवं समाधान जीवन की साधना बन जाएगी।
प्रेम का वार कभी खाली नहीं जाता: साध्वी शीतलगुणाश्री
धर्मसभा का आयोजन
बेंगलूरु. राजाजीनगर में साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा कि हमारी मानसिक पीड़ाओं के दो कारण हैं। आसक्ति और नफरत। हम नफरत हटाएं और प्रेम जगाएं। क्योंकि प्रेम ऐसा हथियार है जिसका वार कभी खाली नहीं जाता है। वैर से वैर कभी शांत नहीं होता।
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