पुलिस के अनुसार उस व्यक्ति की पहचान चिकबल्लापुर के रेवण्णा कुमार (44) के रूप में हुई है। वह जिले की अनूर ग्राम पंचायत में
assistant librarian के पद पर दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करता है। रेवण्णा का Bengaluru के बौरिंग अस्पताल में इलाज हो रहा है और उसकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है।
बेंगलूरु मध्य संभाग के
Deputy Commissioner of Police देवराज ने बताया कि रेवण्णा ने दिन में 1 से 1:30 बजे के बीच विधानसभा के
Toilet में आत्महत्या का प्रयास किया। वह चिकबल्लापुर जिले में चिंतामणि तालुक के अनूर गांव का ही रहने वाला है। उसने न्यूनतम मजदूरी तय करने की मांग की है। Assembly police station में मामला दर्ज किया गया है।
Government को ठहराया जिम्मेदार रेवण्णा ने अपने
suicide note में आत्महत्या के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उसने लिखा है कि पिछले तीन वर्ष से उसे
minimum wage नहीं मिला। उसकी हालत बद से बदतर हो गई और वह सड़क पर आ गया है। इस संदर्भ में उसने मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, उपमुख्यमंत्री, मुख्य सचिव सहित संबंधित विभागीय अधिकारियों को भी पत्र लिखे लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। वह लाचार हो गया तो उसके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं था। उसके जैसे 6 हजार कर्मचारी इसी पीड़ा से गुजर रहे हैं।
Security इंतजामों पर सवालिया निशान इस बीच हाइ-सिक्योरिटी जोन में हुई इस घटना के बाद विधानसभा की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं। जहां घटना घटी है वहीं मुख्यमंत्री और अन्य
Cabinet ministers के कार्यालय भी हैं। पुलिस सुरक्षा में हुई चूक की भी जांच कर रही है। पुलिस यह पता लगा रही है कि कड़ी सुरक्षा के बावजूद रेवण्णा धारदार वस्तु लेकर अंदर कैसे पहुंच गया।