मानव एक विकसित और शक्ति संपन्न प्राणी-मुनि सुधाकर
बैंगलोरPublished: Feb 27, 2021 04:53:18 pm
नंजनगुड में धर्मसभा
मानव एक विकसित और शक्ति संपन्न प्राणी-मुनि सुधाकर
बेंगलूरु. मुनि सुधाकर ने नंजनगुड में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मानव एक विकसित और शक्ति संपन्न प्राणी है। उसका जीवन मन वचन और शरीर की शक्तियों का त्रिवेणी संगम है। उसको मन से सोचने, वचन से बोलने और शरीर से करने का सामथ्र्य मिला है । यह सुखद स्थिति है कि पुरानी पीढ़ी की तुलना में नई पीढ़ी अधिक समर्थ और संपन्न है। उसे विज्ञान का वरदहस्त प्राप्त है जिसके बल पर उसने बौद्धिक और भौतिक क्षेत्र में आश्चर्यजनक कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उसके पुरुषार्थ से संचार साधनों का द्रुतगति से विस्तार हो रहा है। सारा संसार एक गेंद के समान छोटा हो गया है। प्राकृतिक और व्यवधानो पर आज के मानव का विजय अभियान सफलता से आगे बढ़ रहा है। मुनि ने कहा जीवन में विभिन्न शक्तियों का महत्व निर्विवाद है पर उसका सदुपयोग और दुरुपयोग दोनों ही संभव है। जिस लिफ्ट की मशीन से पच्चीस मंजिल ऊपर पहुंचा जा सकता है उसी से ग्राउंड फ्लोर पर भी पहुंचा जा सकता है । यह बटन के घुमाव का अंतर है । शक्ति भी लिफ्ट के यंत्र के समान है उसे विकास और विनाश, उत्थान और पतन दोनों की ओर बढ़ा जा सकता है। भारतीय चिंतकों ने शक्ति का प्रसाद अध्यात्म और अनुशासन की भूमिका पर खड़ा करने पर बल दिया है। आधार की शुद्धि के बिना शुद्ध विस्तार का कल्पना भी नहीं की की जा सकती।