अनुभव से मनुष्य को सीख लेनी चाहिए-आचार्य महेन्द्रसागर
बैंगलोरPublished: Nov 25, 2021 09:04:43 am
धर्मसभा का आयोजन
अनुभव से मनुष्य को सीख लेनी चाहिए-आचार्य महेन्द्रसागर
बेंगलूरु.महावीर स्वामी जैन श्वेेतांबर मूर्तिपूजक संघ त्यागराज नगर में विराजित आचार्य महेंद्रसागर सूरी ने कहा कि भूतकाल के इन कटु अनुभव से मनुष्य को कुछ सीख लेनी चाहिए। एक ही भूल बार-बार करना मूर्खता है। पौद्गलिक प्रेम वैश्विक राग के अति दुखद परिणाम समझने और अनुभव करने के बावजूद भी क्या पुद्गल पदार्थों के प्रति इतना आकर्षण क्यों रख रहे हो। पुद्गल नहीं परमात्मा प्यारे लगने चाहिए। पुद्गल पदार्थों से वास्तविक सुख नहीं मिलता, उससे मिलते सुख कामचलाऊ हैं। संसार के जो धन आदि पदार्थों के खातिर आत्महित गंवा रहे हो। वह हकीकत में आत्मा के है ही नहीं। क्योंकि संसार के तमाम पदार्थों से आत्मा भिन्न है। अब तो आप समझिए कि अनंतकाल के बाद मिला मनुष्य जीवन सिर्फ कोल्हू के बैल की तरह घूमते रहने के लिए नहीं है। अपितु जागने के लिए और जीतने के लिए है। सतगुरु से शब्द ज्ञान पाकर जागना है और संयम लेकर जीतना है। कर्म की मलिनता से हमेशा के लिए मुक्त होने की प्रक्रिया यानी प्रभु के प्रति प्रीति। मिले हुए मानव जीवन को प्रभु के निकट रहकर और प्रभु को प्रिय बनाकर जीवन को सफल बनाना चाहिए।
साध्वी रिद्धिमा ने कहा कि घर परिवार सुख संसार अगर बरकरार रखना है तो प्रेम में जीना शुरू कीजिए। जहां प्रेम होगा वहां धन और धर्म दोनों ठहरेंगे। आचार्य महेंद्र सागर ने मनुष्य भव की साथर्कता पर कहा कि साध्वी रिद्धिमा विहार करके वी.वी. पुरम में पुष्पा बोहरा के यहां गए हैं।