सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए आम जनता के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। सदन में विधायकों की बैठने की व्यवस्था में भी कई बदलाव किए गए हैं।मंत्रियों के निजी सहायक, सुरक्षा कर्मी तथा प्रशासनिक अधिकारियों की संख्या में भारी कटौती की गई है। सत्र के दौरान प्रतिदिन विधानसभा तथा विधान परिषद के सभागारों को विसंक्रमित किया जा रहा है। सत्र में भाग लेने वालों के पास कोरोना से संक्रमित नहीं होने का सरकारी प्रमाणपत्र अनिवार्य होगा।
सत्र की अवधि को लेकर संशय विधानसभाध्यक्ष कार्यालय के सूत्रों के अनुसार 8 दिवसीय सत्र के दौरान 31 से अधिक विधेयक पेश किए जाएंगे। मौजूदा हालात को देखते हुए यह सत्र आठ दिनों तक चलेगा या नहीं, इस पर भी सवालिया निशान लग गए हैं। संसद का सत्र तीन दिन में खत्म होने के परिप्रेक्ष्य में कांग्रेस ने मानसून सत्र के कार्यकाल में कटौती का पुरजोर विरोध करने की चेतावनी दी है। बताया गया है कि मुख्यमंत्री ने शनिवार रात को कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष डीके शिवकुमार तथा नेता प्रतिपक्ष सिद्धरामय्या से टेलीफोन पर बात कर मानसून सत्र का कार्यकाल कम करने के संकेत दिए है।
विपक्ष के पास कई मुद्दे मानसून सत्र में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष के पास कर्नाटक भूमि सुधार संशोधित कानून, कृषि उपज बाजार समिति संशोधित कानून, श्रमिकों का संशोधित कानून, देवरजीवनहल्ली, केजी हल्ली तथा कावलबैरसंद्रा क्षेत्र में हुए हिंसक प्रदर्शन, ड्रग्स कारोबार की जांच, कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए खरीदे गए सुरक्षा उपकरणों में भ्रष्टाचार जैसे कई मुद्दे हैं। कांग्रेस तथा जनता दल एस ने राज्य सरकार को घेरने के लिए इन मुद्दों को लेकर कई ध्यानाकर्षण तथा काम रोको प्रस्ताव का नोटिस देकर अपने तेवर स्पष्ट किए हैं।