उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान कई बैठकें रात 11 बजे तक चलीं। सभी सदस्यों ने सदन की कार्यवाही में सहयोग देने के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण विधेयक भी पारित किए हैं। कोरोना महामारी के साये में संपन्न इस सत्र के दौरान सदस्यों की सुरक्षा के लिए कई इंतजाम किए गए थे। सभी सदस्यों ने इस व्यवस्था के साथ सहयोग करते हुए सदन की कार्यवाही चलाने में सहयोग दिया है।
उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान विधानसभाध्यक्ष को विभिन्न स्थायी समितियों के गठन का अधिकार दिया गया है। मानसून सत्र के दौरान पारित किए गए विधेयकों पर सदन में 14 घंटे 22 मिनटों की बहस हुई। सत्र के दौरान पेश किए गए 37 विधेयकों में से 36 विधेयकों को सदन मे ध्वनिमत से पारित किया गया है। केवल एक विधेयक को रोका गया है।
सत्र के दौरान 36 विधेयक पारित करने के साथ-साथ विभिन्न समितियों की 6 रिपोर्ट, 19 अध्यादेश, 62 वार्षिक रिपोर्ट, लेखापाल की वार्षिक रिपोर्ट सदन में पेश की गई। धन विनियोग विधेयक पारित कर वर्ष 2020-21 के लिए 4 हजार 8 करोड़ रुपए के पुरक अंदाजपत्र को भी सदन में मंजूरी दी गई है।नियम 69 के तहत विपक्ष की ओर से पेश किए गए तीन प्रस्तावों में से कोरोना प्रबंधन प्रस्ताव पर सदन में विस्तृत बहस की गई है।
3071 प्रश्न में से 1109 का उत्तर दिया गया है।उन्होंने कहा कि इस सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष सिद्धरामय्या की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को सदन में ध्वनिमत के साथ खारिज किया गया है। कोरोना से संक्रमित होने के कारण 6 मंत्री तथा 28 विधायक सत्र में भाग नहीं ले सके है। सत्र से अनुपस्थित सदस्यों में भाजपा के 12 कांग्रेस के 10 तथा जनता दल एस के 6 विधायक शामिल है। विधानसभाध्यक्ष ने सत्र के संचालन में सहयोग करनेवालों के प्रति आभार व्यक्त किया।