संदेश में मंसूर ने दावा किया है कई राजनेताओं नें उनका नाम उजागर होने के डर से उसे देश से भागने पर मजबूर किया है। वही नेता अब उसे देश लौटने नहीं दे रहे हैं। ऐसे राजनेताओं को डर है कि अगर मैंने उनके नाम उजागर किए तो उनकी राजनीति खत्म हो जाएगी। मंसूर ने कांग्रेस तथा जनता दल-के कुछ नेताओं के नाम लिए हैं। मंसूर ने पुलिस हिरासत में उसकी हत्या की भी आशंका व्यक्त की है।
मंसूर ने कहा है कि वह 14 जून को ही भारत लौटना चाहता था, लेकिन उसका पासपोर्ट निरस्त किए जाने के कारण हवाई अड्डे पर अधिकारियों ने उसे यात्रा की इजाजत नहीं दी थी। उसके बाद से वह दुबई में है। मंसूर ने दावा किया है कि गत 13 वर्ष के दौरान उसकी कंपनी ने निवेशकों को 12 हजार करोड़ रुपए का लाभांश वितरित किया है। इसके अलावा 2 हजार करोड़ रुपए की जमा राशि भी लौटाई है। आइएमए के पास 1300 करोड़ रुपए की संपत्ति है और वह निवेशकों की राशि लौटाने को तैयार है। मंसूर ने कहा कि उसे मामले की सीबीआइ जांच पर कोई ऐतराज नहीं है।
उधर, विशेष जांच दल (एसआइटी) के सदस्य डीसीपी गिरीश ने वीडियो संदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मंसूर एक आरोपी है। लिहाजा उसे बगैर किसी सबूत किसी पर बेबुनियाद आरोप लगाने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा ेिेक प्रथम दृष्टि से मंसूर के इस कथित वीडियो संदेश पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
निवेशकों के साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी कर 8 जून से फरार मंसूर मोहमद के नाम पर ब्लू कार्नर नोटिस जारी किया जा चुका है। क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने उसका पासपोर्ट निरस्त कर दिया है।