एसआइटी ने संदिग्धों से एक डायरी बरामद की है, जिसमें देवनागरी लिपि में इन हस्तियों के नाम अंकित हैं। ये हस्तियां कट्टर हिंदूवादी विचारधारा के खिलाफ खुलकर अपना विचार रखने के लिए मशहूर हैं। इस डायरी में कई बातें कोड में लिखी गई हैं और पुलिस उसे समझने का प्रयास कर रही है।
एसआइटी ने एक दिन पहले ही सिंदगी से परशुराम वाघमारे (26 ) नामक एक युवक को गिरफ्तार किया था, लेकिन गौरी लंकेश हत्याकांड में उसकी भूमिका के बारे में इसलिए कुछ कहने से मना किया कि इससे जांच प्रभावित होगी। अटकलें लगाई जा रही हैं कि वाघमारे ने ही गौरी लंकेश पर गोली चलाई, क्योंकि उसकी शारीरिक बनावट सीसीटीवी में कैद फुटेज से मिल रही है। कथित तौर पर उसका सीधा संबंध दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों से है।
हालांकि, एसआइटी की अगुवाई कर रहे पुलिस महानिरीक्षक बीके सिंह ने कहा कि अभी तक इस बात के ठोस सबूत नहीं मिले हैं, जिससे यह साबित हो कि वाघमारे ने ही गौरी लंकेश पर गोली चलाई। एसआईटी के सूत्रों के अनुसार कर्नाड, ललिता नायक, वीरभद्र स्वामी या द्ववारकानाथ गौरी लंकेश के विचारों के समर्थक रहे हैं।
इनके नाम डायरी में उल्लेखित हैं जो हिंदूवादी विचार धारा के खिलाफ मुखर रहे हैं। अभी तक एसआइटी ने छह संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जिसमें परशुराम वाघमारे, केटी नवीन, अमोल काले, मनोहर इड़वे, सुजीत कुमार उर्फ प्रवीण और अमित देगवेकर शामिल हैं। नवीन कुमार मंड्या के मद्दूर का रहने वाला है वहीं अमोल काले और अमित महाराष्ट्र के हैं। वहीं अन्य संदिग्धों की गिरफ्तारी भगवान दास की हत्या की योजना बनाते समय की गई।