उन्होंने कहा डॉ के सुधाकर समेत मंत्रिमंडल में 5 ऐसे मंत्री हैं जिनके साथ संपर्क करना विधायकों के लिए संभव नहीं है।
यहां शुक्रवार को संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि डॉ सुधाकर ने मुख्यमंत्री पर दबाव डालकर दो-दो विभागों का मंत्री पद लिया लेकिन वे विधानसौधा में स्थित कार्यालय में उपस्थित नहीं रहते हंै। हाल में उन्होंने 5-6 बार फोन किया था लेकिन डॉ सुधाकर ने जवाब तक नहीं दिया।
इस मंत्रिमंडल में सुधाकर जैसे 5-6 मंत्री और हैं जो विधायकों के फोन का जवाब नहीं देते। भाजपा के विधायक अनुशासित हैं इसलिए ऐसी बातों को लेकर शिकायतें नहीं करते है। लेकिन, विधायकों के इस संयम का दुरुपयोग कतई नहीं करना चाहिए। विधायक स्थानीय समस्याओं के समाधान के लिए मंत्रियों के साथ संपर्क करते हैं लेकिन मंत्रियों के सहायक विधायकों के फोन की जानकारी तक नहीं देते हैं।
विधायकों के साथ संवाद करना मंत्रियों का दायित्व है। उन्होंने कहा कि वे शीघ्र ही सुधाकर जैसे मंत्रियों के इस बर्ताव का मामला पार्टी के मंच पर उठाएंगे।