जानकारों का कहना है कि वीरशैव-लिंगायत समुदाय को केंद्रीय ओबीसी सूची शामिल करने के बारे में निर्णय लिए जाने की भनक लगने के बाद कई मंत्रियों ने दिल्ली का रुख किया था। हालांकि, दिल्ली में जुटे मंत्रियों का कहना था कि वे पार्टी के नव नियुक्त राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि के पदभार ग्रहण और पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय में उनके कक्ष के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने दिल्ली गए हैं।
लेकिन, राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि इस कार्यक्रम के बहाने असंतुष्टों आलाकमान तक अपनी बात आसानी से पहुंचाने का मौका मिल गया। रवि महासचिव बनने से पहले राज्य में मंत्री थे।सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में जमे कुछ मंत्रियों से सहित कई असंतुष्ट विधायकों ने शुक्रवार को पार्टी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष और नए प्रदेश प्रभारी महासचिव अरुण सिंह से मुलाकात की।
बताया जाता है कि इस दौरान इन लोगों ने अपनी शिकायतें भी रखीं। बताया जाता है कि राज्य के नेताओं ने मुख्यमंत्री की कार्यशैली को लेकर शिकायतें की। कुछ नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री को पार्टी नेताओं को साथ लेकर चलने की सलाह दी जानी चाहिए।राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि आमतौर पर किसी पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारी का दिल्ली में पदभार ग्रहण काफी साधारण होता है लेकिन रवि के कार्यक्रम में मंत्री-नेताओं की मौजूदगी अलग ही रही। कई मंत्रियों ने मंत्रिमंडल की बैठक के बावजूद रवि के कार्यक्रम को प्रमुखता दी।
उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सवदी, उद्योग मंत्री जगदीश शेट्टर, राजस्व मंत्री आर अशोक, जल संसाधन मंत्री रमेश जारकीहोली, देवस्थानम मंत्री कोटा श्रीनिवास पुजारी के अलावा विधायक अरविंद बेल्लद, महंतेश कवटगीमठ, अप्पचु रंजन, हरीश पुंजा, विधान पार्षद पुट्टणा, नारायण स्वामी, सी पी योगेश्वर, शिवनगौड़ा नायक भी उपस्थित थे। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, लोकसभा सदस्य पी सी मोहन, भगवंत खूबा, भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्य ने भी मौजूद थे।
केंद्रीय मंत्रियों से मिले मंत्रीदिल्ली दौरे पर राज्य के मंत्रियों ने लंबित योजनाओं को लेकर केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की। जल संसाधन मंत्री जारकीहोली ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की। सवदी, अशोक सहित अन्य मंत्रियों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई मंत्रियों से मुलाकात की।