मारवाड़ की ओर जाने वाली ट्रेनें अप्रेल में फुल
बैंगलोरPublished: Mar 17, 2023 01:02:20 pm
राजस्थानी प्रवासी अपनी परेशानी कहें तो किससे, सुने तो कौन


पत्रिका अभियान योगेश शर्मा बेंगलूरु. अपना प्रदेश व गांव छोडकऱ रोजी रोटी कमाने आए राजस्थानी प्रवासी जहां राजस्थान सरकार के लिए वोट बैंक बनकर रह गए हैं वहीं कर्नाटक के लिए भी वोट बैंक या फिर कमाऊ पूत के सिवाय कुछ नहीं हैं। चुनाव आने पर नेता राजस्थान से कर्नाटक पहुंच जाते हैं और प्रवासियोंं को तरह-तरह के प्रलोभन देकर उन्हें मतदान के लिए राजस्थान आने के लिए मजबूर करते हैं। वहीं कर्नाटक के नेता भी प्रवासियों को केवल वोट बैंक तक ही मानते हैं। रेल मंत्रालय राजस्थान की ओर जाने वाली ट्रेनों से मोटा राजस्व तो प्राप्त करता है लेकिन राजस्थानी प्रवासियों की सुविधा में इजाफा करने का ख्याल भी नहीं आता है।यहां हम बता दें कि केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विन वैष्णव मूलत: राजस्थान के पाली जिले के जीवंद कलां गांव के रहने वाले हैं। इसके बावजूद कर्नाटक से राजस्थान के लिए एक भी दैनिक ट्रेन का परिचालन नहीं हो पाया है। हाल ये है कि मैसूरु, बेंगलूरु, यशवंतपुर, केआर पुरम से चलने वाली सभी नौ ट्रेनों में आगामी चार माह तक रिजर्वेशन वेटिंग है। ऐसे में कभी भी प्रवासी लोगों को दलालों को मोटी राशि देकर आरक्षण टिकट खरीदना पड़ता है या फिर रिजर्व टिकट लेकर दलालों से रिजर्वेशन कन्फर्म कराने के लिए दलालों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। हाल ये है कि बेंगलूरु से जयपुर, जोधपुर व उदयपुर के लिए जाने वाली फ्लाइट के टिकट भी पांच से आठ हजार के बीच मिलते हैं। यह बात अलग है कि फ्लाइट खाली होने पर टिकट की दरें उड़ान से एक दिन पूर्व गिरा दी जाती हैं, जिनका कुछ लोग ही फायदा उठा पाते हैं।