मर्यादा की मशाल से जिंदगी जगमग: मुनि सुधाकर
- मैसूरु में मर्यादा महोत्सव का आयोजन

मैसूरु. संस्कारों के उन्नयन, संस्कृति के संरक्षण व स्वस्थ जीवन जीने के लिए मर्यादा जरूरी है। शांतिपूर्ण सहवास के लिए, कर्म मुक्ति की साधना के लिए, संगठन की स्वच्छता के लिए मर्यादा जरूरी है।
यह विचार मुनि सुधाकर ने मैसूर तेरापंथ भवन में आयोजित 157वें मर्यादा महोत्सव के अवसर पर व्यक्त किए। तेरापंथ सभा मैसूर के तत्वावधान में आयोजित समारोह में बेंगलोर,मैसूरु, नंजनगुड, के आर नगर, पेरियापटना, टी नरसिंहपुर, श्रीरंगपट्टण आदि शहरों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
मुनि ने कहा कि मर्यादा मशाल है जो जिंदगी को जगमगा देती है। मुनि नरेश कुमार ने कहा कि मर्यादा महोत्सव हमें अनुशासित जीवन जीने की पद्धति सिखाता है।
इस अवसर पर हनुमंतनगर तेरापंथ सभा के मंत्री हरकचंद ओस्तवाल, तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा सुधा नौलखा, तेरापंथ युवक परिषद के मंत्री विनोद मेहता, महेंद्र नाहर ने विचार रखे। हनुमंतनगर सभा से अध्यक्ष सुभाष बोहरा, उपाध्यक्ष शंकरलाल बोहरा, उपाध्यक्ष बाबूलाल कटारिया, कोषाध्यक्ष नाथूलाल बोल्या, सह मंत्री अमरचंद मांडोत, युवक परिषद परामर्शक गौतम दक, अध्यक्ष पवन बोथरा, मंत्री धर्मेश कोठारी, तेरापंथ महिला मंडल नंजंगुड, महिला मंडल मैसूर, कन्या मंडल, मैसूर महिला मंडल सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही।
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