सिद्धगंगा मठ परिसर में डॉ. शिवकुमार स्वामी की पहली पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में शुरू हुए समारोह के पहले दिन श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा।
शिवकुमार स्वामी के पुण्यतिथि समारोह में उमड़ा जनसैलाब
तुमकूरु. सिद्धगंगा मठ परिसर में डॉ. शिवकुमार स्वामी की पहली पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में शुरू हुए समारोह के पहले दिन श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। राज्य के विभिन्न मठों के प्रमुखों की उपस्थिति में उनके समाधि स्थल के निकट वेद मंत्रों के उच्चारणों के बीच विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान संपन्न हुए।
सुत्तूर मठ प्रमुख शिवरात्री देशिकेंद्र ने कहा कि देश में विरोध प्रदशनों की आड़ में दो समुदायों के बीच खाई पैदा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसी विषम स्थिति में संयम बरतना हमारा सामाजिक दायित्व है। डॉ. शिवकुमारस्वामी की राह पर चलते हुए हमें अहिंसा तथा शांति के पथ पर चलना होगा।
सिद्धगंगामठ के प्रमुख सिद्धलिंग स्वामी ने कहा कि डॉ. शिवकुमार स्वामी की 8 दशकों की साधना के कारण ही आज सिद्धगंगा मठ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। उनका जीवन समाज के लिए समर्पित था, ऐसे महान संत के जीवन से प्रेरित होकर हमें भी सामाजिक सरोकार का दायित्व निभाना चाहिए। सिद्धगंगा मठ आने वाले दिनों में शिक्षा तथा स्वास्थ्य क्षेत्र में अधिक योगदान देगा, इसके लिए एक कार्ययोजना तैयार की जा रही है। मंत्री वी सोमण्णा ने डॉ. शिवकुमार स्वामी को सर्वधर्म समन्वय का प्रतीक करार देते हुए कहा कि जो कार्य सरकार नहीं कर सकती है ऐसा कार्य सिद्धगंगा मठ ने कर दिखाया है। इस अनूठे कार्य के लिए डॉ. शिवकुमार स्वामी को मरणोपरांत भारतरत्न पुरस्कार मिलना चाहिए।
आज इस मठ के परिसर में 12 हजार से अधिक विद्यार्थियों को नि:शुल्क आहार, आवास के साथ शिक्षा की व्यवस्था की गई है। शीघ्र ही मठ में 28 करोड़ रुपए की लागत से डॉ. शिवकुमार स्वामी की आदमकद कांस्य प्रतिमा स्थापित की जाएगा। पूर्व मंत्री बसवराज होरट्टी ने कहा कि डॉ. शिवकुमार स्वामी स्वयं ही एक दुर्लभ रत्न थे, ऐसे में इस महान विश्वसंत के लिए भारतरत्न पुरस्कार कोई मायने नहीं रखता है। इसके बावजूद अगर यह पुरस्कार दिया जाता है तो इससे इस पुरस्कार की ही महत्ता बढ़ेगी। मंत्री सीटी रवि ने कहा कि अस्पृश्यता तथा जातीयता के खिलाफ एक सामाजिक अभियान चलाना समय की मांग है। जो लोगों स्वयं को धर्मनिरपेक्ष मानते हैं ऐसे लोग ही जातिवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसे दोहरी मानसिकता वाले लोगों से हमे सचेेत रहना होगा।
मंत्री जेसी माधुस्वामी ने कहा कि डॉ. शिवकुमार स्वामी की त्याग तथा तपस्या के कारण से ही आज तुमकूरु जिले का नाम राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया है। उनकी जीवनी हम सबके के लिए एक प्रकाश स्तंभ की तरह है। इस अवसर पर विभिन्न जिलों तथा पड़ोसी राज्यों से यहां पहुंचे श्रद्धालुओं के लिए तुमकूरु शहर में सात विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित विशाल मंडप में भोजन की व्यवस्था की गई थी।
शहर के सभी चौराहों की विशेष सजावट की गई थी। पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में यहां 25 जनवरी तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा।