वर्ष-२०१८ की रैंकिंग में मध्य प्रदेश के इंदौर और भोपाल को राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छ शहरों की श्रेणी में लगातार दूसरे वर्ष शीर्ष दो स्थान प्राप्त हुआ है जबकि चंडीगढ को तीसरा स्थान मिला है। स्वच्छ सर्वेक्षण के दौरान ३७.६६ लाख नागरिकों का विचार लिया गया जिसमें देश के ४२०३ नगर निकायों को शामिल किया गया था।
वर्ष -२०१५ और २०१६ में मैसूरु देश का सबसे स्वच्छ शहर होने का गौरव प्राप्त कर चुका है लेकिन पिछले वर्ष इंदौर ने पहला स्थान हासिल किया था और लगातार दूसरे वर्ष अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखने में कामयाब रहा। हालांकि मैसूरु के लिए संतोष की बात है कि वह मध्यम दर्जे के शहरों में स्वच्छ शहर का टैग हासिल करने में सफल रहा।
इसके अतिरिक्त जिले के हुंसूर को एक लाख से कम आबादी वाले शहरों की सूची में दक्षिण भारत जोन में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के मामले में पहला पायदान मिला है। इस वर्ष १२ फरवरी को केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की एक टीम ने मैसूरु का तीन दिवसीय दौरा किया था और स्वच्छ भारत मिशन के तहत आंकड़े जुटाए थे।
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में शीर्ष पर मेंगलूरु
तटीय शहर मेंगलूरु ने भी इस बार के स्वच्छ सर्वेक्षण-२०१८ में एक बेहतरीन उपलब्धि हासिल की है। तीन से १० लाख की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में मेंगलूरु को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में राष्ट्रीय स्तर पर पहला पायदान मिला है। देश के शहरों में शहरी स्वच्छता को उन्नत करने के लिए हर वर्ष केंद्र सरकार द्वारा स्वच्छ शहरों की रैंकिंग जारी की जाती है। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने मेंगलूरु में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की सराहना की है और मेंगलूरु को शीर्ष स्थान हासिल हुआ है।