खागा के पूर्व अध्यक्ष सज्जनराज मेहता ने कहा कि चिकपेट क्षेत्र में करीब २५ हजार दुकानें हैं। यह क्षेत्र सरकार की दुधारू गाय है। इसके बावजूद सरकार और बीबीएमपी इस क्षेत्र के रखरखाव पर ध्यान नहीं दे रही है। इसके चलते व्यापारी अनेकों समस्याओं से जूझते हुए व्यापार करने को मजबूर हैं। जबकि सरकार को इस क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
मेहता ने ‘पत्रिकाÓ को बताया कि चिकपेट की समस्याओं को लेकर खागा का प्रतिनिधि मंडल अध्यक्ष डूंगरमल चौपड़ा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से मिला था। मुख्यमंत्री से चिकपेट क्षेत्र के ढांचागत विकास के लिए ५०० करोड़ रुपए के अनुदान को जारी करने का आग्रह किया था। क्योंकि चिकपेट ही ऐसा क्षेत्र है जो समूचे कर्नाटक में सर्वाधिक राजस्व सरकार को उपलब्ध करा रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय से भी इस संबंध में बीबीएमपी को दिशा निर्देश दिए गए हैं।