इसके अतिरिक्त बीबीएमपी में पदस्थ होने पर नए आयुक्त को कर्नाटक नगर निगम अधिनियम 1976 की एक पुस्तक सौंपने का प्रस्ताव किया गया है। 28 सितम्बर को होने वाले महापौर चुनाव के बाद यह पहला मौका होगा जबकि नए महापौर को शहर की प्रतीकात्मक चाबी और बैटन सौंपा जाएगा। इस प्रकार नए महापौर के आने के साथ ही बीबीएमपी के इतिहास में एक नया अध्याय भी जुड़ जाएगा। बीबीएमपी सूत्रों के अनुसार चांदी की चाबी, नाडप्रभु कैंपेगौड़ा की मूर्ति, बैटन और बॉक्स निर्माण पर करीब 17 लाख रुपए खर्च हुए हैं। मौजूदा महापौर आर. संपत राज का कहना है कि महापौर शहर का एक सम्मानित पद है। इस पद की पवित्रता और जिम्मेदारियों एवं जवाबदेही तय करने के संदेश के रूप में प्रतीकात्मक चाभी सौंपी जाएगी।
नागरिकोंं ने किया महापौर का घेराव
बेंगलूरु. महापौर संपतराज को शनिवार का गांधी नगर का दौरा करने पर नागरिकों के आक्रोश का समना करना पड़ा और वह कोई जवाब देने में विफल रहने पर मौके से चलते बने। संपतराज शनिवार को गांधी नगर में चल रहे वाइटटॉपिंग कार्य का निरीक्षण करने गए थे। तभी स्थानीय नागरिकों ने उनसे शिकायत की कि नालियों और गटर का गंदा पानी की टंकियों में आने से बदबू फैली है। इस बदबू से लोगों का एक पल भी रहना असंभव है। संपतराज ने शीघ्र ही इस समस्या का हल करने का आश्वासन दिया। नागरिक संपतराज के जवाब से नाराज हो गए और उन्हें जबरन अपने घरों में ले गए। संपतराज ने भी बदबू के कारण नाक पर रूमाल रख लिया।
उन्होंने पालिका के अधिकारियों को घटना स्थल पर बुला कर फटकार लगाई और तुरंत आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। वह छठे क्रॉस पर पहुंचे तो नागरिकों ने फिर उन्हें घेर लिया और नारे लगाए। नागरिकों ने आरोप लगाया कि पालिका का कोई भी कार्य निर्धारित समय पर पूरा नहीं होता। वाइटटॉपिंग का काम छह माह से जारी है। एक दिन काम चलता है तो चार दिन रुका रहता है। लोगों ने शीघ्र इस काम को पूरा कर यातायात समस्या हल करने की मांग की। इसके बाद महापौर दूसरे क्षेत्र में गए तो वहाँ भी लोगों ने उन्हें घेर लिया और विभिन्न समस्याएं सुनाई। लेकिन महापौर लोगों की शिकायतों का जवाब देने के बजाय कार में बैठ कर निकल गए।