बैठक में मंत्री देशपांडे ने कहा कि विजयपुर जिले के छह तालुकों में पेयजल समस्या गहराती जा रही है। संबंधित तालुकों में जरूरत के हिसाब से अधिक टैंकर के जरिए जलापूर्ति करनी चाहिए। अधिकारियों को मानवता की दृष्टि से कत्र्तव्य का निर्वाह कर सूखे के भीषण हालात का सामना कर रहे गांवों में टैंकर के जरिए जलापूर्ति करने व हर टैंकर पर अनिवार्य तौर पर जीपीएस लगाने के निर्देश दिए।
उन्होंने यह भी कहा कि जलापूर्ति करने वाले टैंकर मालिकों को 15 से 20 दिन के भीतर राशि का भुगतान हो जाना चाहिए। सरकार के पास धन की कमी नहीं है। इसके चलते लोगों तथा मवेशियों को जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करनी चाहिए।
जिला प्रभारी मंत्री एमसी मनगोली, जिलाधिकारी एम कनगवल्ली, जिला पंचायत मुख्य कार्यकारी अधिकारी विकास सुरलकर, अतिरिक्त जिलाधिकारी एच प्रसन्न समेत जिले के सभी तालुकों के तहसीलदार, उपविभागाधिकारी, जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे। बैठक से पूर्व मंत्री आरवी देशपांडे ने नागठाणा तालाब मलबा कार्य, गुणकी, तिडगुंदी आदि जगहों में सूखा हालात के बारे में जायजा लिया।
पलायन रोकने के लिए करें कार्रवाई
बाद में पत्रकारों से बातचीत में मंत्री देशपांडे ने कहा कि विजयपुर जिले में पलायन रोकने की कार्रवाई करने के संबंधित अधिकारियों को कहा गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत अत्यधिक मानव दिनों का सृजन कर जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री देशपांडे ने कहा कि मनरेगा योजना के तहत विजयपुर जिले में 6 .5 लाख मानव दिनों का सृजन करने का लक्ष्य रखा गया है जिसे 7.18 लाख तक बढ़ाया गया है। जिले में अकाल के हालात चलते संबंधित अधिकारियों को पानी की कमी का सामना कर रहे गांवों का दौरा करना चाहिए।
सूखा राहत कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। आपात मौकों को छोडक़र अवकाश के लिए नहीं जाने के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं।
नींबू किसानों की मदद
विजयपुर जिले में नींबू किसान भारी घाटा झेल रहे हैं। एनडीआरएफ के दिशा निर्देश के तहत सहायता राशि देने का प्रस्ताव सौंपने का संबंधित अधिकारियों को बताया गया है। किसानों को न्यायसम्मत सहायता देने की कोशिश की जाएगी। इसके तहत इस से पूर्व महाराष्ट्र में नींबू किसानों को दिए गए पैकेज की तर्ज पर राहत कार्रवाई को यहां भी लागू करने की कोशिश की जाएगी।