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मेडिकल व्याख्याताओं की वेतन वृद्धिआदेश : सुधाकर

locationबैंगलोरPublished: Jul 29, 2020 09:33:09 am

Submitted by:

Sanjay Kulkarni

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत वेतन का भुगतान

मेडिकल व्याख्याताओं की वेतन वृद्धिआदेश : सुधाकर

मेडिकल व्याख्याताओं की वेतन वृद्धिआदेश : सुधाकर

बेंगलूरु. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए घोषित लॉकडाउन के कारण पर्याप्त राजस्व संग्रहण नहीं हो रहा है। ऐसी विषम स्थिति में भी मेडिकल कॉलेज के व्याख्याताओं का वेतन तथा चिकित्सा शिक्षा विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति में वृद्धि का आदेश जारी किया गया है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ के सुधाकर ने यह बात कही।
उन्होंने यहां सोमवार को कहा कि इस आदेश के तहत अब मेडिकल कॉलेज के व्याख्याताओं को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत वेतन का भुगतान किया जाएगा। साथ में चिकित्सा शिक्षा के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति में भी 40 से 45 फीसदी वृद्धि की गई है। यह मांग गत पांच वर्षों से लंबित थी।
बेलगावी के अस्पताल में यहां के आपातकालीन चिकित्सा कक्ष में सिलेंडर विस्फोट की घटना में दो चिकित्साकर्मियों के घायल होने पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने दुख व्यक्त करते हुए अस्पताल प्रबंधन को भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति टालने के लिए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कोरोना वायरस के लिए कई आयुर्वेदिक दवाओं के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन ऐसी दवाओं को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की मंजूरी अनिवार्य है। उन्होंने यहां सोमवार को कहा कि डॉ गुरुधर केजी, आर्ट ऑफ लिविंग के रविशंकर गुरुजी, ईशा फाउंडेशन के सद्गुरु समेत कई लोगों नें इस बीमारी के लिए देशी दवा बनाने का दावा किया है। ऐसी दवाओं को मंजूरी देने का अधिकार राज्य सरकार को नहीं बल्कि आईसीएमआर को है।
इस संस्था की मंजूरी के बगैर दवाओं का विपणन नहीं किया जा सकता है। मंजूरी लेकर ऐसी दवा बेचने पर राज्य सरकार को कोई आपत्ति नहीं होगी। किसी दवाई का केवल 10-20 जनों पर प्रयोग करने मात्र से इस दवाई की गुणवत्ता साबित नहीं हो सकती है। दवाई के परीक्षण की लंबी प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद ही दवाईयों के उत्पादन की अनुमति दी जाती है।
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में केवल कांग्रेस ही एक मात्र ऐसा राष्ट्रीय राजनीतिक दल है जहां केवल एक परिवार के प्रति निष्ठा ही दल का संविधान है। इस दल में गणतंत्र नहीं है। इस दल में किसी को भी एक परिवार के विचारों से असहमति व्यक्त करने का अधिकार नहीं है। हालात यह हंै कि इस परिवार के विचारों से असहमति व्यक्त करने वालों को देशद्रोही करार दिया जा रहा है। इस दल में एक परिवार को छोड़कर किसी के नेतृत्वगुणों को विकसित करने के बदले उसे कुचला जाता है।

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