राजनाथ सिंह ने मंगलवार को यहां विधानसौधा के सम्मेलन सभागार में आयोजित 28 वीं दक्षिणी संभाग परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार संकट का सामना कर रहे दक्षिणी भारतीय राज्यों की जनता के साथ है और हम किसी भी आपदा का मिलकर सामना करेंगे।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार संबंधित राज्यों को आवश्यक मदद देने में पीछेे नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि पिछले माह केरल के 14 जिलों मेंं आई बाढ़ के कारण करीब 488 लोगों की जाने गई है और संपत्तियों व ढांचागत निर्माण कार्य को भारी क्षति पहुंची है। इस आपदा से निपटने के लिए केरल सरकार ने केन्द्र से 4700 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति करने की मांग की है। मानसून की बारिश व बाढ़ के कारण कर्नाटक व तमिलनाडु में भी जान-माल की क्षति हुई है। लिहाजा केन्द्र सरकार इन राज्यों को पूरी उदारता के साथ सहायता देगी।
बहरहाल बैठक में परिषद की पिछली बैठक में मछुआरों को सुरक्षा प्रदान करने, प्रायद्वीप पर्यटन रेल शुरू करने, अजा-जजा वर्ग के विद्यार्थियों को सबी पाठ््यक्रमों के लिए छात्रवृति प्रदान के लिए कोष आवंटन में एकरूपता, दक्षिणी राज्यों में उपलब्ध नवीकृत ऊर्जा का अधिकतम इस्तेमाल करने तथा पुदुच्चेरी हवाई अड्डे के विकास के बारे में की गई सिफारिशों को लागू करने की प्रगति समीक्षा की गई।
बैठक में पुलिकत झील में मत्स्याखेट के अधिकार को लेकर तमिलनाडु व आंध्र प्रदेश के मछुआरों के बीच चल रहे विवाद, शेषाचलम की पहाडिय़ों में लाल चंदन की तस्करी, चेन्नई को पेयजल की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कृष्णा नदी से तेलुगू गंगा परियोजना के लिए अधिक पानी छोडऩे, वित्त आयोग द्वारा दिए जा रहे अनुदान में बढ़ोतरी तथा तटीय राज्यों में मत्स्याखेट से जुड़े मसलों पर भी चर्चा की गई।
बैठक में मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने प्रदेश के किसानों के कर्ज से मुक्ति दिलाने के लिए सहकारी व राष्ट्रीयकृत बैंकों से लिया गया करीब 49 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ करने का साहसिक कदम उठाया है लिहाजा केन्द्र सरकार को इस ऋण माफी योजना में आर्थिक सहयोग प्रदान करना चाहिए।
संभाग परिषद एक ऐसा मंच है जहां केन्द्र व राज्यों के बीच तथा राज्यों के बीच के विवादों को मुक्त व खुले विचार विमर्श के जरिए सुलझाया जा सकता है और इस बारे में परामर्श भी लिया जा सकता है। यह एक ऐसी सलाहकार इकाई है जिसकी बैठकों में विचारों के आदान-प्रदान का पूरा अवसर मिलता है।
दिन भर चली इस बैठक में कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी व पुदुच्चेरी के मुख्यमंत्री वी.नारायणसामी, तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम, आंध्र प्रदेश व केरल के मंत्रियों तथा अंडमान व निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल ने भाग लिया।