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मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के विरोध में सभा

locationबैंगलोरPublished: Sep 02, 2018 05:51:37 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार देश में अघोषित आपातकाल चला रही है

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मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के विरोध में सभा

बेंगलूरु. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के खिलाफभाकपा माले, एक्टू, एपवा, ऑल इंडिया पीपुल्स फोरम, पीपुल्य यूनियन फॉर सिविल लिबर्टिज ने शनिवार को मैसूरु बैंक सर्कल के पास प्रतिरोध सभा का आयोजन किया। वक्ताओं ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की निंदा की। बिना अनुमति कार्यक्रम आयोजित करने के विरोध में पुलिस ने माले व एक्टू कार्यकर्ता लेखा व अपन्ना के खिलाफ मामला दर्ज किया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार देश में अघोषित आपातकाल चला रही है। सरकार की नीतियों का विरोध करने तथा आदिवासियों, दलितों व गरीबों के अधिकार की बात करने वालों को नक्सली करार दिया जा रहा है। वक्ताओं ने कहा कि यह सही नहीं है। इस प्रकार की कार्रवाइयों को पूरे देश भर में पुरजोर विरोध होना चाहिए।

अलग राज्य की मांग को लेकर 23 को धरना-प्रदर्शन की चेतावनी
बेंगलूरु. उत्तर कार्नटक संघर्ष समिति ने फिर अलग राज्य की मांग को लेकर 23 सितम्बर को धरना, प्रदर्शन की चेतावनी दी है। इससे पहले विभिन्न संगठनों के साथ बागलकोट में एक बैठक होगी। समिति के अध्यक्ष भीमप्पा जी.डी. ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गत दो सालों से अलग राज्य की मांग को लेेकर हस्ताक्षर अभियान जारी है। अभी तक 66 लाख लोग हस्ताक्षर कर चुके हैं, जिनमें से नब्बे फीसदी लोगों ने अलग राज्य की इच्छा व्यक्त की है।
गत 31 जुलाई को उत्तर कर्नाटक के मठों के प्रमुखों ने भी अलग राज्य की मांग को लेकर सांकेतिक धरना दिया था। हालांकि, मठ प्रमुखों का समिति से कोई संबंध नहीं है। उस समय मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने 15 दिनों के अंदर सभी मांगों को पूरा करने का आश्वान दिया था। तब से एक माह का समय गुजर गया और मुख्यमंत्री अपना वादा पूरा करने में विफल रहे हैं। उन्होंंने कहा कि कर्नाटक एकीकरण को 63 साल बीत गए फिर भी उत्तर कर्नाटक के जिले सभी क्षेत्रों में पीछे हैं। कृषि, शिक्षा, सिंचाई, साहित्य, संस्कृति, स्वास्थ्य, प्रशासन, सड़कें, परिवहन, रेल उद्योग, मीडिया, फिल्म उद्योग, पर्यटन, उद्योग, राजनीति, युवा और महिला सशक्तिकरण आदि क्षेत्रों मेंं इस क्षेत्र के साथ पक्षपात हुआ।
हर एक सरकारी काम के लिए सैंकड़ों किलोमीटर दूूर सफर करना पड़ता है। उत्तर कर्नाटक के कई प्रमुख कार्यालय बेंगलूरु और अन्य जिलों में स्थान्तरित किए गए हैं। कुमारस्वामी को केवल हासन, बेंगलूरु, मंड्या, मैसूरु और रामनगर जिले के विकास की चिंता है। कुमारस्वामी ने एक बार उत्तर कर्नाटक का दौरा किया है, उन्हें हर माह के 15 दिन उत्तर कर्नाटक में रहना होगा। अनुदान जारी करने के विषय में भी सौतेल रवैया अपनाया जा रहा है। इस अवसर पर समिति के महा सचिव नागेश गोलाशेट्टी, उपाध्यक्ष अहमद रसूल, मंजुनाथ और कई पदाधिकारी उपस्थित थे।
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