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विनय गुण से ही जीवन में योग्यता-साध्वी महाप्रज्ञा

locationबैंगलोरPublished: Oct 15, 2019 04:55:43 pm

Submitted by:

Yogesh Sharma

साध्वी पद्मकीर्ति के सांसारिक माता आशा डूंगरवाल का महिला पदाधिकारियों द्वारा अभिनंदन

विनय गुण से ही जीवन में योग्यता-साध्वी महाप्रज्ञा

विनय गुण से ही जीवन में योग्यता-साध्वी महाप्रज्ञा

बेंगलूरु. वीवीपुरम स्थित महावीर धर्मशाला में चातुर्मास कर रही अनुष्ठान आराधिका साध्वी डॉ. कुमुदलता कि निश्रा में साध्वी महाप्रज्ञा ने कहा कि उत्तराध्ययन सूत्र के प्रथम अध्ययन में प्रभु महावीर ने अपनी अंतिम देशना में विनय का प्रशिक्षण दिया। क्योंकि विनय ही धर्म का मूल है। विनय गुण से ही जीवन में योग्यता आती है। विद्या से विनय और विनय से पात्रता आती है। योग्य व्यक्ति को ही सम्मान और यश मिलता है। अहंकारी व्यक्ति तो सर्वत्र अपमान और तिरस्कार का योग्य होता है। विनय के बगैर मोक्ष मार्ग की सभी साधना अधूरी और व्यर्थ है। इसलिए व्यक्ति को सर्वप्रथम विनय सम्पन बनना चाहिए। जीवन को सफलता के उच्चतम शिखर पर ले जाने के लिए व्यक्ति के जीवन में विनय गुण का होना आवश्यक है। जो व्यक्ति जीवन में मन से, वचन से, काया से विनय गुण को अपनाता है उसके जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। प्रभु महावीर ने नयसार के भव में समयकत्व रूपी रत्न की स्पर्शना करते हुए महान तीर्थंकर गोत्र कर्म का उपार्जन किया। उन्होंने कहा जो सरल, विनयगुण युक्त व समर्पित शिष्य होता है। वह विनीत शिष्य कहलाता है। वह सब जगह आदर सम्मान व प्रसिद्धि को प्राप्त करते हुए अपने गुरु का नाम रोशन करता है। हमें गुरु के प्रति समर्पण भाव एकलव्य से सीखना चाहिए जिन्होंने गुरु के एक इशारे पर अपना अंगूठा काट कर दे दिया। उन्होंने 22 परिषह की व्याख्या करते हुए कहा कि साधु अपने जीवन में आने वाले परिषहों, बाधाओं को समभाव से सहन करते हैं। अनुकूल प्रतिकूल परिस्थितियों में भी जो समभाव व स्वाभिमान से जीते हैं वही संयमी सच्चे साधु की पहचान है। महासाध्वी कुमुदलता ने सभी श्रद्धालुओं को मंगलपाठ प्रदान किया। इस अवसर पर साध्वी पद्मकीर्ति कि जन्म भूमि अहमदनगर से ‘ स्नेह पद्म सखी ‘ मंडल गुु्रप की सदस्याओं, साध्वी के सांसारिक माता आशा डूंगरवाल तथा पुणे से पधारे हुए सभी अतिथियों का सम्मान वर्षावास समिति के पदाधिकारियों ने किया। साध्वी राजकीर्ति ने उत्तराध्ययन सूत्र के मूल पाठ का वाचन किया। साध्वी पद्मकीति ने जय जिनेंद्र प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा की। रविवार को साध्वी पद्मकीर्ति एवं राजकीर्ति के सान्निध्य में आयोजित बाल संस्कार शिविर में सेकड़ों बच्चों ने लाभ लिया।
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