मन के जीते जीत है, मन के हारे हार
बैंगलोरPublished: May 24, 2020 07:46:51 pm
धर्मसभा में बोलीं डॉ. कुमुदलता
मन के जीते जीत है, मन के हारे हार
मैसूरु. सिद्धलिंगपुरा स्थित महावीर जिनालय में विराजित साध्वी डॉ. कुमुदलता ने कहा कि जीवन में सफलता के लिए आत्म विश्वास उतना ही आवश्यक है, जितना मानव के लिए ऑक्सीजन तथा मछली के लिए पानी। बिना आत्मविश्वास के व्यक्ति सफलता की डगर पर कदम बढ़ा ही नहीं सकता। आत्मविश्वास वह ऊर्जा है जो सफलता की राह में आने वाली हर अड़चन व परेशानियां से मुकाबला करने के लिए व्यक्ति को साहस प्रदान करती है। आत्मविश्वास में वह शक्ति है जिसके माध्यम से हम कुछ भी कर सकते हैं। आत्मविश्वास से हमारी संकल्प शक्ति बढ़ती है और संकल्प शक्ति से हमारी आत्मशक्ति बढ़ती है। संसार में सारे योद्धाओं ने अपने आत्मविश्वास से विजय हासिल की है। मधुमक्खी एक एक फूल से रस इक_ा कर शहद बनाती है। उसके छत्ते में भरा शहद उसके आत्मविश्वास और कठिन परिश्रम का ही परिणाम है। बस दुनिया में इसी तरह ईश्वर ने सभी को अनंत शक्तियां प्रदान की हैं। हर किसी में कोई ना कोई खास बात होती है। बस जरूरत है अपने अंदर की उस शक्ति को पहचानने की, उसे निखारने की आज वक्त आया है। अपनी शक्ति को पहचानने का निखारने का लोग करोना को लेकर बहुत भयभीत है। यदि हमारे भीतर ताकत है तो उससे लडऩे की, उसे भगाने की, तो यह करोना वायरस भी हमारा कुछ नहीं कर सकता। हम सब एकजुट होकर सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करेंगे तो करोना वायरस का खात्मा हो जाएगा। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।