खाद्य विभाग के बदहाल व्यवस्था देख आगबबूला हुए मंत्री
बैंगलोरPublished: Feb 24, 2020 08:46:42 pm
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री के.गोपालय्या ने सोमवार को शहर के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित विभाग के कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति कम होने पर आक्रोशित मंत्री ने रसद विभाग के सचिव को कार्यालय में देरी से पहुंचने वाले कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए है।कर्मचारियों की अनुपस्थिति पर अधिकारियों को लगाई फटकार
खाद्य विभाग के बदहाल व्यवस्था देख आगबबूला हुए मंत्री
बेंगलूरु. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री के.गोपालय्या ने विभाग कार्यालय में औचक निरीक्षण के दौरान उपस्थिति पुस्तिका का निरीक्षण करते हुए मंत्री ने पाया कि कई कर्मचारियों ने कई दिनों से हस्ताक्षर ही नहीं किए थे। मंत्री ने ऐसे कर्मचारियों को तुरंत नोटिस जारी करने कहा। इस दौरान उन्होंने विभाग के कर्मचारियों को चेताया कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग समाज के जरुरतमंद लोगों से जुड़ा विभाग है। इस कारण विभाग के कर्मचारियों को संवेदनशील होकर अपना दायित्व निभाना होगा। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि कार्यालय में देरी से पहुंचने वालों को बक्शा नहीं जाएगा।
गोदामों में सड़ रहे थे अनाज और लंबित मिली फाइलें
लंबित फाइलों का अंबार देखकर मंत्री ने ऐसी फाइलों का तुरंत निपटारा करने कहा। उन्होंने राशन कार्ड धारकों को प्रतिमाह पहले सप्ताह में ही गुणवत्तायुक्त अनाज का वितरण करने के निर्देश दिए। कई गोदामों में मौजूद अनाज का हिसाब-किताब सटीक नहीं होने पर मंत्री ने अधिकारियों को फटकार लगाई। विभाग के कई गोदामों में सड़ रहे अनाज देखकर मंत्री आगबबूले हो गए।
एक अन्य कार्यालय में पहुंचे मंत्री ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से पूछा कि उन्होंने कितने जिलों का दौरा कर वहां की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया है। मंत्री के इस सवाल का विभाग के अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं था। एक दूसरे का मुंह ताकते नजर आए अधिकारियों पर मंत्री का गुस्सा फूटा।
फर्जी राशनकार्ड धारकों पर होगी कार्रवाई
औचक निरिक्षण के पश्चात मंत्री ने पत्रकारों से कहा कि वे शीघ्र ही राज्य के सभी जिलों का दौरा कर वहां के रसद विभाग की खामियां दूर करने का प्रयास करेंगे। गलत जानकारी देकर बीपीएल राशन कार्ड प्राप्त करनेवालों को ऐसे कार्ड सरेंडर करने के लिए मार्च माह के दूसरे सप्ताह तक मोहलत दी गई है। राज्य में ऐसे 30-35 लाख राशनकार्ड होने के कारण रसद विभाग पर वार्षिक 600 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। समयसीमा के बाद भी जो लोग फर्जी राशनकार्ड सरेंडर नहीं करते है ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमें दाखिल किए जाएंगे।