उन्होंने राज्य में कहीं भी सड़कों पर दूध बहाए जाने से इनकार किया और कहा कि कहीं पर विरोध जताने के लिए ऐसा किया हो सकता है। सरकार प्रति लीटर दूध पर 5 रुपए की प्रोत्साहन राशि दे रही है। सरकार ने खरीदी मूल्य कम नहीं किया है बल्कि दुग्ध महासंघों ने ही खरीद मूल्य में 2 रुपए की कटौती की है।
उन्होंने कहा कि बेंगलूरु सहित राज्य भर में दूध के विपणन से अधिक लाभ नहीं हो रहा है क्योंकि नंदिनी के उत्पादों को दूसरी कंपनियों के उत्पादों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी पड़ रही है। मंत्री ने कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाले दूध में मिलावट अधिक हो रही है लिहाजा ऐसे दूध पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि सिर पर टोकरी रखकर मछली बेचने वाली महिलाओं को 50 हजार रुपए तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है। अब तक सहकारी संघों के जरिए यह ऋण दिया जाता था। लेकिन अब उनको सीधे ऋण उपलब्ध करवाने के कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग ने मतस्याखेट में इस्तेमाल होने वाली नावों को सब्सिडी पर केरोसीन की आपूर्ति बंद कर दी है। लिहाजा सरकार अब मछुआरों को जर्मनी में बनी बैटरी चालित नावें देने पर विचार कर रही है। इस माह मछुआरों की छुट्टियां समाप्त होने के के बाद प्रायोगिक तौर पर ऐसी नावें चलाई जाएंगी और प्रयोग सफल रहने पर रियायती दरों पर बैटरी चालित नावें उपलब्ध कराने के प्रयास जाएंगे।