ऑनलाइन शिक्षा के संबंध में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पहले ही दिशा-निर्देश जारी कर चुकी है और प्रदेश सरकार ने भी यही किया है। इस संबंध में एक विशेष समिति बनाई गई है और सरकार बहुत जल्द अंतिम निर्णय लेगी।
एसएसएलसी और पीयूसी परीक्षा पत्रों के मूल्यांकन संबंधित अफवाहों का खंडन करते हुए सुरेश कुमार ने कहा कि भ्रम पैदा करना लोगों की आदत हो गई है। परीक्षा के पहले भ्रम, परीक्षा के दौरान भ्रम और अब उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन को लेकर भ्रम ठीक नहीं है। परीक्षा के लिए बच्चों ने मेहनत की है और काबिलियत के अनुसार अंक मिलेंगे। उन्होंने लोगों को याद दिलाया कि बच्चों के क्षमता की अवमानना नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि परीक्षा आयोजित करने के सिलसिले में वे पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या और एच. डी. कुमारस्वामी सहित कई नेताओं से मिले थे। कुमारस्वामी परीक्षा स्थगित करने के पक्ष में थे लेकिन समझाने पर मान गए।