मित्यात्व सभी रोगों से भिन्न-आचार्य महेन्द्र सागर
बैंगलोरPublished: Jul 30, 2021 10:16:22 am
धर्मसभा
मित्यात्व सभी रोगों से भिन्न-आचार्य महेन्द्र सागर
बेंगलूरु. महावीर स्वामी जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक संघ त्यागराज नगर में विराजित आचार्य महेंद्रसागर सूरी ने कहा कि संसार में जहर तो अनेक तरह के ह,ैं किंतु हलाहल जहर मिथ्यात्व है। क्योंकि विषभक्षण एक भव का अंत कर सकता है, परंतु मिथ्यात्व रूपी हलाहल जहर तो भवोभव में जीवन को मारता रहता है। रोग अनेक प्रकार के होते हैं किंतु यह मित्यात्व सभी रोगों से भिन्न है। असाध्य है,एक बार मिथ्यात्व के चक्कर मेें व्यक्ति अगर फंस गया तो समझो भवाभव वह उसका उसका पीछा नहीं छोड़ता। इसलिए शास्त्रकार भगवंत को कहना पड़ा कि मिथ्यात्व भयंकर कोटि का असाध्य रोग है। उन्होंने कहा कि अंधकार व्यक्ति को भटका देता है किंतु में मिथ्यात्व रूपी अंधकार तो इतना अधिक भयावह होता है कि व्यक्ति कभी भी संभल नहीं पाता है। अत: सर्वप्रथम इस मिथ्यात्व रूपी भयानक तत्व को समझना आवश्यक है। अनादिकाल से इस विराट संसार में भटक रही है उसका यदि कारण ढूंढा जाए तो एक ही आवाज में कहा जा सकता है कि मृत्यु के गहरे अंधकार के कारण ही व्यक्ति संसार में भटक रहा है। एक बात तो हमेशा ध्यान रखें कि नवपूर्व का ज्ञान भी मिथ्यात्व दिशा में अज्ञान ही माना गया है।