सरकार को अस्थिर करने में मोदी-शाह का हाथ: सिद्धरामय्या
बैंगलोरPublished: Jul 02, 2019 05:59:31 pm
गठबंधन सहयोगी जद-एस ने कहा ‘नहीं’
विधायकों के इस्तीफे के बाद सियासी उठा-पटक तेज
कांग्रेस को भरोसा सरकार को खतरा नहीं
सरकार को अस्थिर करने में मोदी-शाह का हाथ: सिद्धरामय्या
बेंगलूरु. कांग्रेस के दो विधायकों के इस्तीफे के बाद राज्य में सियासी घमासान तेज हो गया है। जहां कांग्रेस के कुछ और विधायकों के इस्तीफे की अटकलें लगाई जा रही हैं वहीं गठबंधन के घटक दलों कांग्रेस-जद-एस के बीच का मतभेद भी सामने आ रहा है। सरकार की अस्थिरता को लेकर दोनों ही दलों के शीर्ष नेताओं ने विरोधाभासी बयान दिए।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरामय्या ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह खुद गठबंंधन सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। सिद्धरामय्या ने कहा कि ‘इसमें अमित शाह सीधे तौर पर शामिल हैं। प्रधानमंत्री भी इसमें शामिल हैं। वे गठबंधन सरकार को गिराना चाहते हैं। वे ताकत दिखा रहे हैं और पैसे का प्रलोभन दे रहे हैं। लेकिन, वह इसमें सफल नहीं होंगे। कर्नाटक सरकार को कोई खतरा नहीं है। दोनों विधायक भाजपा में शामिल नहीं होंगे।’ विधायकों के इस्तीफे के बाद सिद्धरामय्या हर एक असंतुष्ट विधायक से मिलने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा अब एक नई रणनीति के तहत काम कर रही है। वे दावा कर रहे हैं कि इसमें शामिल नहीं हैं। वे कह रहे हैं कि कुछ नहीं कर रहे लेकिन दूसरी तरफ प्रलोभन देकर अपने पाले में करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। बहुमत नहीं मिलने के बावजूद वे पिछले दरवाजे से सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं। सत्ता के लोभ के कारण वे सरकार गिराने पर तुले हुए हैं।
मोदी-शाह को दोष देना गलत: देवगौड़ा
हालांकि, मैसूरु के चामुंडेश्वरी विधानसभा क्षेत्र से सिद्धरामय्या को करारी शिकस्त देने वाले जद-एस के वरिष्ठ नेता एवं उच्च शिक्षा मंत्री जीटी देवगौड़ा ने सिद्धरामय्या के विपरीत यह कहा कि गठबंधन सरकार को अस्थिर करने में मोदी-शाह का कोई हाथ नहीं है। उन्होंने कहा कि ‘विधायकों के इस्तीफा देने के पीछे पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का हाथ नहीं है। विपक्ष का सरकार को अस्थिर करने में कोई हाथ नहीं है। आपने देखा होगा कि पीएम मोदी ने जब से शपथ ली है तब से वे देश, कश्मीर, अमरीका चीन के बारे में सोच रहे हैं। पीएम मोदी पूरी तरह से बजट में शामिल हैं। कोई भी इसके लिए भाजपा को दोष नहीं दे सकता।’
महेश कुमटहल्ली भी दे सकते हैं इस्तीफा!
इस बीच मंगलवार को राजनीतिक उठा-पटक जारी रहा। विधायक पद से इस्तीफा देने वाले रमेश जारकीहोली के भाई और वन एवं पर्यावरण मंत्री सतीश जारकीहोली ने यह कहकर चौंका दिया कि अथनी के विधायक महेश कुमटहल्ली भी इस्तीफा दे सकते हैं। सतीश ने कहा महेश कुमटहल्ली उनके भाई रमेश की राह पर चल सकते हैं।
आलाकमान ने दी चेतावनी
उधर, कांग्रेस आलाकमान ने विधायकों को चेतावनी दी है कि अगर वे सरकार के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर असंतोष जाहिर करेंगे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिाकार्जुन खरगे से मुलाकात के बाद प्रदेश कांग्रेस प्रभारी और महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी लाइन के खिलाफ बोलने वालों के खिलाफ बिना किसी हिचक कार्रवाई होगी।