मीथेन की तलाश में आंकड़ों का विश्लेषण जारी
हालांकि, इस मिशन से मंगल ग्रह पर मीथेन की उपलब्धता होने के प्रमाण मिलने की उम्मीद थी लेकिन अभी तक इस संदर्भ में इसरो ने कोई जानकारी नहीं दी है। इसरो के एक अधिकारी ने कहा कि मंगलयान के सभी उपकरण ठीक है और अभी भी आंकड़े भेज रहे हैं। मीथेन सेंसर के आंकड़ों पर वे फिलहाल कुछ नहीं कहेंगे क्योंकि आंकड़ों का विश्लेषण अभी हो रहा है। मंगलयान के अधिकांश पे-लोड तैयार करने वाले इसरो अनुप्रयोग केंद्र अहमदाबाद ISAC AHMEDABAD इसरो डीप स्पेस नेटवर्क (IDSN) ब्यालालू और अन्य केंद्रों द्वारा मंगल ग्रह से प्राप्त आंकड़ों के गूढ़ रहस्य को समझने का प्रयास हो रहा है।
हालांकि, मंगल की कक्षा में मंगलयान ने 5 वर्ष (धरती) पूरे कर लिए हैं लेकिन मंगल पर एक वर्ष 680 पृथ्वी दिन के बराबर होता है और इस हिसाब से मंगल के लगभग ढाई वर्ष पूरे हुए हैं। इन वर्षों में मंगलयान के आंकड़ों से तैयार मार्स एटलस, काफी संख्या में शोध पत्रों का प्रकाशन, देश के युवाओं में पैदा हुआ भारी उत्साह, दो हजार रुपए के नोट पर मंगलयान की तस्वीर का प्रकाशन और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मिशन ने जो सम्मान बटोरा वह इसकी शानदार सफलता को बयान करता है।
मंगलयान: अहम पड़ाव
5 नवम्बर 2013: पीएसएलवी सी-25 से श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपण
4 दिसम्बर 2013: धरती के गुरुत्वाकर्षण से निकल मंगल के पथ पर प्रस्थान
12 दिसम्बर 2013: पहला पथ सुधार
11 फरवरी 2014: मंगलयान के 100 दिन पूरे
9 अप्रेल 2014: आधी दूरी पूरी (299 दिन)
11 जून 2014: दूसरा पथ सुधार
24 सितम्बर 2014: मंगल की कक्षा में प्रवेश
19 जून 2017: मंगल की कक्षा में एक हजार दिन पूरे
24 सितम्बर 2019: मंगल की कक्षा में 5 साल पूरे