वहीं, राज्य के 10 से अधिक जिलों में बाढ़ के गंभीर हालात भी उनके लौटने की वजह में से एक है। राज्य में भाजपा की सरकार सत्ता में आए 12 दिन बीत चुके हैं और अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो सका है। इस बात को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस व जनता दल-एस के नेता कटाक्ष कर रहे हैं।
संसद के अधिवेशन के समापन के बाद उम्मीद लगाई जा रही थी कि बुधवार को इस मसले पर येड्डियूरप्पा की वरिष्ठ नेताओं से चर्चा होगी। लेकिन सुषमा स्वराज का निधन होने और राज्य में बाढ़ की गंभीरता के बीच येडियूरप्पा के पास लौटने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। बेंगलूरु रवाना होने से पूर्व उन्होंने सुषमा स्वराज की पार्थिव देह के अंतिम दर्शन किए।
बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल के विस्तार पर पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा व राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष के साथ चर्चा कर नामों की सूची को अंतिम रूप दे दिया गया है। इस पर अंतिम निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का करना है।
आते ही बेलगावी रवाना
मुख्यमंत्री सचिवालय के सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री येडियूरप्पा उत्तर कर्नाटक में बाढ़ के हालात की निगरानी करने व अधिकारियों के साथ तालमेल बनाकर राहत कार्य में तेजी लाने के मकसद से बेलगावी रवाना हो गए हैं।