उन्होंने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार तीन साल से निजी एजेंसियों से खाद्यान्न खरीद कर राशनकार्ड धारकों को आवंटित कर रही है। सरकार ने केंद्र से राशि मिलने की प्रतीक्षा किए बगैर निजी एजेंसियों से खाद्यान्न खरीदा। तीन साल से बकाया राशि देने की गुहार की जा रही है। कोई जवाब नहीं मिलने पर उन्होंनेे खुद नई दिल्ली जाकर केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने मुलाकात की और बकाया राशि की मांग की। केंद्र सरकार को सभी दस्तावेज देने के बावजूद राशि जारी नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने भी भूख से लोगोंं की मौत की रोकथाम के लिए घर-घर अनाज पहुंचाने की योजना जारी करने पर विचार कर रही है। केन्द्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को घर-घर अनाज पहुंचाने का सुझाव दिया है। इसके लिए अभी तक कोई अनुदान जारी नहीं किया गया है। लगातार तीन माह तक सरकारी राशन दुकान से अनाज नहीं खरीदने वाले परिवारों पर नजर रखी जाएगी। धनी होने के बावजूद सरकारी राशन खरीदने वालों पर भी नजर रहेगी।
किसान ऋण माफी के लिए फंड घटा
उन्होंने कहा कि किसानों का ऋण माफ करने के कारण सभी विभागों को दिए जाने वाले अनुदान में बीस फीसदी कटौती करने का फैसला लिया गया है। 1.13 करोड़ बीपीएल परिवारों को यूनिट के हिसाब में मुफ्त पांच किलो चावल, 38 रुपए कीमत मे एक किलो दाल दी जा रही है। पहले एक किलो चीनी 25 रुपए में दो रुपए मे एक किलो नमक और 35 रुपए मे एक लीटर पाम आयल दिया जाता था। केंद्र सरकार ने अचानक चीनी की सब्सिडी बंद कर दी, इसलिए चीनी देना बंद कर दी गई।