केएसएचसीओइए के अध्यक्ष विश्वराध्य एच. यमोजी ने बताया कि वादे के अनुसार सरकार ने अब तक न तो कर्मचारियों की मांगें पूरी की है और न ही मांगों की समीक्षा के लिए कोई समिति बनाई है। वेतन विसंगती दूर करना केएसएचसीओइए की मुख्य मांग है। ज्ञापन और सांकेतिक प्रदर्शन का दौर जारी है। बुधवार तक मांगें पूरी नहीं होने की स्थिति में गुरुवार से कर्मचारी बेमियादी हड़ताल पर चले जाएंगे।
यमोजी ने कहा कि नर्स, एंबुलेंस चालक, लैब तकनीशियन, आयुष चिकित्सक, परामर्शदाता, पर्यवेक्षक, वरिष्ठ तपेदिक पर्यवेक्षक और डाटा एंट्री ऑपरेटर आदि कम वेतन पर नौकरी सुरक्षा के बिना सेवाएं दे रहे हैं। स्थाई स्वास्थ्यकर्मियों की तुलना में केएसएचसीओइए के सदस्यों का वेतन कम है। वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर कई मंत्रियों को ज्ञापन सौंप चुके हैं। अब तक खोखले आश्वासन ही मिले हैं। एनएचएम व इसके संविदा कर्मचारियों के कारण ग्रामीण क्षेत्र में हर स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हुई हैं। इसके बावजूद सरकार उन्हें नजरअंदाज करती आ रही है।