महानगर निगम में 600 से अधिक फर्जी सफाईकर्मी
600 से 700 फर्जी सफाईकर्मी हैं, जो जनप्रतिनिधियों, ठेकेदारों के रिश्तेदार हैं, जिन्होंने एक दिन भी अपने घर का भी कचरा साफ नहीं किया है।

हुब्बल्ली. धारवाड़ जिला अनुसूचित जाति-जनजाति (अजाजजा) सफाईकर्मी एवं कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष विजय गुंट्राल ने कहा कि महानगर निगम के 18 00 संविदा सफाईकर्मियों में से 600 से 700 फर्जी सफाईकर्मी हैं, जो जनप्रतिनिधियों, ठेकेदारों के रिश्तेदार हैं, जिन्होंने एक दिन भी अपने घर का भी कचरा साफ नहीं किया है।
शहर के पत्रकार भवन में बुधवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इस बारे में दस्तावेज जारी कर गुंट्राल ने कहा कि सफाई कर्मियों को न्याय दिलाने का आग्रह कर मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष, कर्नाटक राज्य अजाजजा आयोग के अध्यक्ष, नागरिक अधिकार एवं कानून क्रियान्वयन निदेशालय बेलगावी के पुलिस अधीक्षक, जिलाधिकारी धारवाड़ तथा हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर पुलिस आयुक्त को इस संबंध में दस्तावेज सौंप कर कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने कहा कि फर्जी सफाई कर्मियों पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर कई बार महानगर निगम आयुक्त तथा संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन सौंपने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। महानगर निगम के सभी स्तर के अधिकारी सीधे तौर पर ठेकेदारों के साथ शामिल होकर 2009 से अब तक सरकार को हर वर्ष 24 करोड़ रुपए का चूना लगा रहे हैं। फर्जी सफाई कर्मियों के नाम पर 2009 से अब तक लगभग 240 करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार महानगर निगम में हुआ है। सफाई कर्मियों की सूची में महानगर निगम पार्षदों के रिश्तेदार, ठेकेदारों के रिश्तेदार, आटोरिक्शा चालक, निजी काम करने वाले, विभिन्न विभागों में काम करने वाले, कालेज विद्यार्थी, बैंक कर्मचारियों के नाम शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले 24 वर्षों से ईमानदारी से किसी प्रकार की कोई सुविधा के बिना जुड़वां शहर की जनता की सेवा कर रहे संविदा सफाई कर्मियों के आंदोलन को प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य सरकार ने सफाई कर्मियों की सीधी नियुक्ति तथा सीधे वेतन भुगतान करने का फैसला लिया है परन्तु सफाई कर्मियों की सीधी नियुक्ति में सभी फर्जी सफाई कर्मियों ने आरक्षण के हिसाब से आवेदन सौंपा है।
सीधे वेतन प्रक्रिया में भी फर्जी सफाई कर्मियों ने बैंक पास बुक समेत अन्य दस्तावेजों को महानगर निगम को सौंपा है। जिलाधिकारी, महापौर, महानगर निगम आयुक्त को निष्पक्ष जांच करवा कर फर्जी सफाई कर्मियों को सीधे नियुक्ति तथा सीधे वेतन प्रक्रिया से हटाना चाहिए। दोषियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर जुड़वां शहर के सफाई कर्मी उग्र आंदोलन करेंगे।
उन्होंने कहा कि महानगर निगम के कुछ पार्षदों तथा अधिकारियों की ओर से सफाई कर्मियों पर किया जा रहा शोषण दुर्भाग्यपूर्ण है। कुछ पार्षद व अधिकारी संविदा सफाई कर्मियों से अपने घर का कार्य करवा रहे हैं। इसके अलावा व्यक्तिगत कार्य करवा रहे हैं। इसका विरोध करने पर नौकरी से निकालने की धमकी देते हैं।
संवाददाता सम्मेलन में गुरुनाथ उल्लिकाशी, अशोक काशेण्णवर, देवक्का भाविनमनी, सामव्वा मोरबद, लक्ष्मी गुरण्णवर, लक्ष्मी बल्लारी, प्रशांत मनमुटगी समेत कई उपस्थित थे।
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