मां तुम्ही कहो किस तरह तुम्हें पुकार लूं
होली स्नेह मिलन पर जमा कवि सम्मेलन
मारवाड़ी युवा मंच का आयोजन

बेंगलूरु. मारवाड़ी युवा मंच बेंगलूरु स्टार्स शाखा द्वारा सरजापुर रोड स्थित हरियाणा भवन में होली मिलन एवं शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ शाखा के सभी पूर्व अध्यक्षों एवं उपस्थित सभी गणमान्य लोगों द्वारा दीप प्रज्वलित, गणपति स्थापना एवं गणेश वंदना के साथ किया गया। स्टार्स शाखा के पूर्व अध्यक्ष सुशील बंसल ने अखिल भारतीय मारवाड़ी युवा मंच के द्वारा देशभर में की जा रही समाज सेवा और मंच दर्शन के सभी पांच तत्वों की महत्व को सभागार से अवगत कराया।
स्टार शाखा के पूर्व अध्यक्ष दीपक अग्रवाल ने बताया कि स्टार्स शाखा को लगातार राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा रहा है। शाखा सचिव मनीष गोल्याण ने कोविड पाबन्दी के दौरान किए गए समाज सेवा के कार्यों के बारे में बताया। कर्नाटक प्रांतीय मारवाड़ी युवा मंच के नवनिर्वाचित अध्यक्ष सुशील बंसल को माला एवं मैसूर पैठा पहनाकर एवं श्रीफल देकर अखिल भारतीय मारवाड़ी युवा मंच के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रवि सिंघानिया एवं शाखा के उपाध्यक्ष धीरज अग्रवाल ने सम्मानित किया गया। अखिल भारतीय मारवाड़ी युवा मंच के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रवि सिंघानिया ने समाज के विभिन्न संस्थाओ के अध्यक्षों व समाज के लोगों के बीच सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को शपथ दिलाई। नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष ऋषव सर्राफ ने सभी को साथ लेकर चलने का प्रण लेते हुए समाज सेवा का एक नया आयाम स्थापित करने का भरोसा दिया। कवि आदित्य शुक्ल बेंगलूरु से, अंकिता सींग गुडग़ांव से, रमेश मुस्कान आगरा से एवं मनोज मद्रासी अमरावती से को सुदर माला एवं मैसूर पेटा पहनाकर एवं श्री फल देकर मंच सदस्यों ने सम्मानित किया। कवि आदित्य शुक्ल ने मंच संचालन के साथ, शारदे स्तवन से रंगारंग कवि सम्मेलन की शुरुआत की। मां तुम्हीं कहो किस तरह तुम्हें पुकार लूं, श्रोताओं को जागृत करते बोले -मास्क लगाएं आह वाह तो बोल सकते हंै,अपनी आंख को जीवंत रखिएगा, मधुर कंठ में अंकिता सींग द्वारा सरस्वती वन्दना,मनोज मद्रासी द्वारा व्यंग्य फुलझडिय़ां,अंकिता द्वारा कोकिल कंठ में प्रेम गीत-तुम्हें लगता है मेरे हो, इस तरह तो किसी ने पुकारा नहीं, तुम्हारा कटिंग चाय का प्यार, पुलवामा शहीद पत्नी,आगरा के रमेश की हास्य रचनाएं और अंत में होली विशेष पर आदित्य शुक्ल की रचना अनुप्रास में गूंथी-न कोई शिकायत न कोई उलाहना, ये सारी रचनाएं पूरे सदन को होली के रंग में बार-बार डुबो रही थी और दर्शकों को झूमने पर मजबूर किया। सभी उपस्थित कवि सहित सदस्यों ने कार्यक्रम की सहराना की। आयोजक समिति के सदस्य राहुल गोयनका ने बताया की करीबन 2500 लोगों ने इस कार्यक्रम से ऑनलाइन देखा।
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