बैंगलोरPublished: Jul 22, 2019 04:44:16 pm
Santosh kumar Pandey
कहते हैं पुत्र तो कुपुत्र हो सकता है लेकिन माता कभी कुमाता नहीं हो सकती। मां की ममता का एक अनूठा उदाहरण यहां चामराजगर जिले में देखने को मिला। हाथी के हमले की चपेट में आई मां को जब लगा कि वह नहीं बच पाएगी तो उसने बच्चे को खुद से दूर झाडिय़ों में फेंक दिया ताकि उसकी जान बच सके और खुद लहुलूहान होकर प्राण त्याग दिए।
जा मेरे लाल तू जिंदा रहे कहते हुए मां ने प्राण त्याग दिए