scriptअंतरिक्षीय कचरे से मिलकर निपटेंगे इसरो और एरीज | MoU between ISRO and ARIES for cooperation in the field of SSA | Patrika News

अंतरिक्षीय कचरे से मिलकर निपटेंगे इसरो और एरीज

locationबैंगलोरPublished: Jun 06, 2020 08:02:13 pm

Submitted by:

Rajeev Mishra

निचली कक्षा में इसरो के 50 से अधिक उपग्रह ऑपरेशनलमूल्यवान अंतरिक्ष संपत्तियों को है अंतरिक्ष मलबे से खतरा

अंतरिक्षीय कचरे से मिलकर निपटेंगे इसरो और एरीज

अंतरिक्षीय कचरे से मिलकर निपटेंगे इसरो और एरीज

बेंगलूरु.
पृथ्वी की निचली कक्षा (एलइओ) में 25 से 28 हजार किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चक्कर काट रहे मानव निर्मित अंतरिक्ष मलबों से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) नैनीताल, मिलकर निपटेंगे।
इसरो ने कहा है कि मानव निर्मित अंतरिक्ष मलबे में हो रही निरंतर वृद्धि ऑपरेशनल उपग्रहों (अंतरिक्ष परिसंपत्तियों) के लिए बड़ा खतरा हैं। इसरो के 50 से अधिक संचार, नेविगेशन और निगरानी उपग्रह पृथ्वी की निचली कक्षा में ऑपरेशनल हैं जिनपर ये मलबे एक खतरे की तरह मंडराते रहते हैं। भविष्य के मिशनों के लिए भी ये एक बड़ा खतरा बनते हैं। कई बार मिशन लांच करते समय आखिरी क्षणों में प्रक्षेपण कुछ मिनटों के लिए टालना पड़ा। अभी तक अंतरिक्ष मलबों की ट्रैकिंग के लिए इसरो उत्तरी अमरीका एयरोस्पेस रक्षा कमान (नोराद) पर निर्भर था जो इन मलबों पर नजर रखने वाली संस्था है।
दूरबीन एवं राडारों का नेटवर्क
अब भारत इस मामले मेें आत्मनिर्भर हो रहा है। अंतरिक्ष परिसंपत्तियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए दूरबीनों एवं राडारों का एक नेटवर्क स्थापित किया जा रहा है। योजना के मुताबिक देश के चारों कोनों में दूरबीन एवं राडार स्थापित किए जाएंगे ताकि अंतरिक्ष मलबे के संचालन का सटीक डाटा रीयल टाइम में मिल सके। बेंगलूरु में इसी सिलसिले में पिछले वर्ष अंतरिक्ष स्थितिपरक जागरुकता केंद्र की स्थापना की गई थी।
ऑप्टिकल टेलीस्कोप से निगरानी
इसरो और एरीज के बीच हुए करार के मुताबिक दोनों संस्थाएं मिलकर ऑप्टिकल टेलीस्कोप अवलोकन सुविधा केंद्र स्थापित करेंगे जिससे पृथ्वी निकट कक्षा में चक्कर काट रहे अंतरिक्ष मलबों को ट्रैक किया जा सकेगा। इसके अलावा दोनों संगठन अंतरिक्ष मौसम, खगोल भौतिकी और पृथ्वी की निचली कक्षाओं का मिलकर अध्ययन करेंगे। देश के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन (गगनयान) के मद्देनजर भी यह काफी महत्वपूर्ण है।
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कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
-पृथ्वी की निचली कक्षाओं में लगभग 6 हजार टन मलबे
-25 से 28 हजार किमी प्रति घंटे की रफ्तार
-अब लांच हुए 23 हजार से अधिक उपग्रह
– 5 फीसदी ही ऑपरेशनल, बाकी बन चुके हैं मलबा
-एंटी सैटेलाइट उपग्रहों के परीक्षण से भी पैदा होते हैं बड़े पैमाने पर अंतरिक्षीय कचरे
-मूल्यवान अंतरिक्ष परिसंपत्तियों की अंतरिक्ष मलबे के नजदीक जाने तथा टकराव से बचाने के उद्देश्य से इसरो ने स्थापित किया है अंतरिक्ष स्थितिपरक जागरूकता एवं प्रबंधन निदेशालय
-निष्क्रिय उपग्रहों, चक्कर लगाते पिंडों के टुकड़ों, पृथ्वी के समीप क्षुद्र ग्रहों तथा प्रतिकूल अंतरिक्ष मौसम से सुरक्षा के लिए विभिन्न खगोल एवं शोध संस्थाओं से किया है करार
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