scriptग्रामीण इलाकों में स्वच्छ माहौल के लिए आंदोलन | Movement for a clean environment in rural areas | Patrika News

ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ माहौल के लिए आंदोलन

locationबैंगलोरPublished: Jun 12, 2019 11:47:35 pm

जिले के ग्रामीण इलाकों में स्वच्छमेव जयते अभियान जोर पकड़ रहा है। ग्रामीणों को सफाई के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से दीवारों में नारे, नुक्कड़ नाटक, निबंध, श्रमदान आदि के आयोजन किए जा रहे हैं।

ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ माहौल के लिए आंदोलन

ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ माहौल के लिए आंदोलन

गदग. जिले के ग्रामीण इलाकों में स्वच्छमेव जयते अभियान जोर पकड़ रहा है। ग्रामीणों को सफाई के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से दीवारों में नारे, नुक्कड़ नाटक, निबंध, श्रमदान आदि के आयोजन किए जा रहे हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष एसपी बलिगार ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता के माहौल का निर्माण करने पर जोर दिया जा रहा है।

साथ ही वैज्ञानिक तौर पर कचरा निस्तारण करने तथा निर्माण किए गए शौचालयों का इस्तेमाल करने के संकल्प के साथ स्वच्छ मेव जयते तथा जल संग्रह, संरक्षण, कम उपयोग के लिए जलामृत जनजागरूकता कार्यक्रम को आंदोलन के रूप में आयोजित किया गया है।


गदग जिला पंचायत सभा भवन में पत्रकारों से बातचीत में बलिगार ने कहा कि जिले के हर गांव में ठोस कचरा निस्तारण तथा प्रबंधन के बारे में जनता में जागरुकता पहुंचानी चाहिए। ग्रामीण जनता में व्यक्तिगत, गृह शौचालय, समुदाय शौचालयों के इस्तेमाल से होने वाले लाभ के बारे में जनता तथा विद्यार्थियों में अधिक जागरुकता पहुंचानी चाहिए। जिला, तालुक तथा ग्राम पंचायत स्तर पर 10 जुलाई तक स्वच्छमेव जयते आंदोलन आयोजित किया गया है।

पहले से ही एक स्वच्छमेव जयते जनजागरुकता रथ कार्य आरम्भ किया है, और दो रथों को रवाना किया जाएगा। हर एक गांव में भी स्वच्छता का माहौल निर्माण करने वाले जनजागरूकता के उपलक्ष्य में दीवार पर लेख, नुक्कड़ नाटक, निबंध, श्रमदान, शौचालय इस्तेमाल अभियानों को आयोजित किया गया है। हर ग्राम पंचायत क्षेत्र में पर्यावरण के विकास के लिए न्यूनतम एक हजार पेड़ों को लगाने का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इसमें ग्रामीणों को सक्रिय तौर पर भाग लेना चाहिए।


जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मंजुनाथ चौहाण ने जलामृत योजना के बारे में कहा कि राज्य तथा गदग जिला पिछले 18 वर्षों में 14 वर्ष सूखे से त्रस्त रहे हैं। इस स्थिति के नियंत्रण के लिए जल संरक्षण, जलसाक्षरता, जलस्रोतों के पुनरुध्दार तथा हरियाली योजना को क्रियान्वित करने के लिए जलामृत योजना को किया गया है। लघु सिंचाई तालाबों के पुनरुध्दार, नाले की मेंड, चेकडैम तथा खिडक़ी बांध संग्रह इकाइयों का पुनरुध्दार कर, वैज्ञानिक तौर पर पानी संग्रह करने की खातिर जलस्रोतों का निर्माण करने के लिए जागरूकता पहुंचाना, ग्रामीण जनता को इसकी विस्तृत जानकारी तथा संवहन के जलामृत योजना के मुख्य उद्देश्य है।

ग्रामीण इलाकों में अंतर्जल स्तर को बढ़ाने के लिए समुदाय की सहभागिता के साथ अभियान तर्ज पर हरियालीकरण कर जलस्रोतों के संरक्षण के लिए जागरूकता पहुंचाई जाएगी। स्थाई समिति अध्यक्ष ईरण्णा नाडग़ौडर, उपसचिव प्राणेश राव, जिला पंचायत योजना निदेशक टी दिनेश, सहायक सचिव मुंडरगी आदि उपस्थित थे।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो