scriptनए चुनाव से ठीक पहले मुलबागल विधायक का पिछला निर्वाचन रद्द | Mulbagh MLA's last election canceled just before new election | Patrika News

नए चुनाव से ठीक पहले मुलबागल विधायक का पिछला निर्वाचन रद्द

locationबैंगलोरPublished: Apr 26, 2018 06:22:38 am

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने गलत जाति प्रमाण पत्र देने के कारण एक विधायक का चुनाव रद्द कर दिया।

HIGH COURT OF KARNATAKA

बेंगलूरु. राज्य की 14वीं विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने में महीने भर से भी कम का समय रह गया है लेकिन बुधवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने गलत जाति प्रमाण पत्र देने के कारण एक विधायक का चुनाव रद्द कर दिया।

मामला कोलार जिले के मुलबागल विधानसभा क्षेत्र का है। वर्ष २०१३ में हुए पिछले चुनाव में यहां से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जी मंजुनाथ जीते थे। यह क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए सुरिक्षत है। ंमंजुनाथ ने इसी वर्ग का जाति प्रमाण भी नामांकन पत्र के साथ पेश किया था। चुनाव के बाद उनके निकटतम प्रतिद्वंदी रहे जनता दल (धर्मनिरपेक्ष) के एन. मुनि अंजनप्पा ने मंजुनाथ के नामांकन पत्र को स्वीकारने और निर्वाचन को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। मुनि अंजनप्पा का आरोप था कि मंजुनाथ ने गलत जाति प्रमाण पत्र पेश किया है।


२५ हजार का जुर्माना भी लगाया
बुधवार को जस्टिस ए एस बोपण्णा की एकल पीठने मुनि अंजनप्पा की याचिका को स्वीकार करते हुए मंजुनाथ के निर्वाचन को रद्द करार दिया। अदालत ने टिप्पणी कि मंजुनाथ का नामांकन पत्र स्वीकारना और चुनाव परिणाम की घोषणा अवैध थी क्योंकि मंजुनाथ ब्यारगी जाति से हैं जो अन्य पिछड़ा वर्ग मेें आता है। मंजुनाथ यह साबित नहीं कर पाए कि वह अनुसूचित जाति में आने वाले बेडा जंगम जाति से हैं। इसके साथ ही अदालत ने मंजुनाथ पर २५ हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।


अदालत ने टिप्पणी कि मंजुनाथ को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी करने से पहले महजर (पंचनाम) की प्रक्रिया सही तरीके से पूरी नहीं की गई और इस बारे में शीर्ष अदालत के निर्देशों की भी अनदेखी की गई। गौरतलब है कि २०१३ में हुए विधानसभा चुनाव में मंजुनाथ को ७३ हजार १४६ मत मिले थे जबकि दूसरे स्थान पर रहे मुनि अंजनप्पा को ३९ हजार १४२ मत मिले थे।

नामांकन पत्र की जांच लंबित
कोलार. जिले में कांग्रेस के दो उम्मीदवारों के नामांकन पत्र की जांच बुधवार को अधिकारियों लंबित रख लिया। इसमें से एक कोलार गोल्ड फील्ड(केजीएफ) से कांगे्रस के उम्मीदवार एम रुपकला और दूसरे मुगलबाल से पार्टी उम्मीदवार एम मंजुनाथ का है। रुपकला का नामांकन पत्र दो जगह मतदाता सूची में नाम होने के आधार पर लंबित रखा गया जबकि मंजुनाथ का नामांकन बुधवार को अदालत के उनका पिछला निर्वाचन गलत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर खारिज करने के कारण लंबित रखा गया है।

मुलबागल क्षेत्र के चुनाव अधिकारी ने अदालत के आदेश के बाद मंजुनाथ के नामांकन पत्र को लंबित रख लिया। अधिकारियों ने कहा कि अदालत के आदेश की प्रति मिलने के बाद जिला चुनाव अधिकारी और चुनाव आयोग से विचार-विमर्श के बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा। आदेश को देखते हुए इस बात की ज्यादा संभावना है कि मंजुनाथ का नामांकन पत्र खारिज हो जाए। हालांकि, मंजुनाथ ने अदालत के प्रतिकूल फैसले की स्थिति में मुलबागल से नामांकन पत्र खारिज होने की आशंका को मंगलवार को अंतिम क्षणों में कोलार से भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल कर दिया था। यह सीट सामान्य श्रेणी की है। इसी हालात को देखते हुए केंद्रीय मंत्री के.एच. मुनियप्पा ने भी मंगलवार को अंतिम क्षणों में अपनी छोटी बेटी एम नंदिनी का नामांकन पत्र मुलबागल से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर भरवा दिया।


रूपा का नामांकन भी लंबित
अधिकारियों ने केजीएफ (सुरक्षित) से मुनियप्पा की बड़ी बेटी और कांग्रेस उम्मीदवार रूपा का नामांकन पत्र भी एक शिकायत के आधार पर बुधवार को जांच के दौरान लंबित रख दिया। जद (ध) के प्रत्याशी एम भक्तवत्सलम ने चुनाव अधिकारी से शिकायत की थी कि रूपा का नाम राज्य के दो अलग-अलग क्षेत्रों-केजीएफ और तुमकूरु के मतदाता सूची में दर्ज है।

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