scriptबेंगलूरु में पहली बार आएंगे मुनि प्रज्ञा सागर | Muni Pragya Sagar will be in Bangalore for the first time | Patrika News

बेंगलूरु में पहली बार आएंगे मुनि प्रज्ञा सागर

locationबैंगलोरPublished: Apr 20, 2018 07:49:35 pm

Submitted by:

Sanjay Kumar Kareer

सुबह इक्षु रस से भगवान बाहुबली स्वामी का मस्तकाभिषेक किया गया

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रामनगर. मुनि प्रज्ञा सागर का पहली बार बेंगलूरु में आगमन हो रहा है। वे शुक्रवार को सुबह कर्नाटक जैन भवन में मंगल प्रवेश करेंगे। रामनगर के श्वेताम्बर जैन तीर्थ में मुनि प्रज्ञा सागर के सान्निध्य में अक्षय तृतीया पर्व मनाया गया। सुबह इक्षु रस से भगवान बाहुबली स्वामी का मस्तकाभिषेक किया गया। इसके बाद भगवान आदिनाथ विधान अनुष्ठान के रूप में किया गया।
मुनि ने अक्षय तृतीया का महत्व बताते हुए कहा कि यह दिन दान, त्याग का भी पर्व है। कुछ पाने के लिए कुछ खोना भी पड़ता है। भगवान आदिनाथ कठिन तपस्या के बाद आहार के लिए निकले तो श्रेयांस ने भगवान को इक्षु रस से पारणा करवाया। इक्षु रस मिठास का प्रतीक है। जीवन में मिठास न हो तो छप्पन भोग भी सामने रखे हों तो मन नहीं लगता। वाणी में मिठास लाने के लिए भगवान का इक्षु रस से अभिषेक जरूर करना चाहिए।
स्वागत की तैयारी
मुनि के शुक्रवार को सुबह बेंगलूरु में आगमन के बाद कर्नाटक जैन भवन पहुंचने पर सुरेंद्र हेगड़े परिवार सहित सकल जैन समाज द्वारा स्वागत किया जाएगा। गौरतलब है मुनि का मंगल विहार श्रवणबेलगोला से तमिलनाडु के जिनतीर्थों की दर्शन वंदना के लिए चल रहा है। पद विहार के दौरान मुनि का अल्प प्रवास बेंगलूरु में हो रहा है। मुनि की आहारचर्या कर्नाटक जैन भवन में ही होगी।
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अक्षय तृतीया पर हुई विशेष पूजा
मण्ड्या. पाण्डवपुर तहसील के मेलकोटे में चलुवराय स्वामी देवस्थान में बुधवार रात को अक्षय तृतीया पर विशेष पूजा-अर्चना हुई। मंदिर परिसर में शाम को मेले जैसा माहौल रहा। पुजारियों ने प्रतिमा को फूलों से सजा कर शोभायात्रा निकाली, जो मुख्य बाजार से होते हुए देर रात देवस्थान पहुंची। रास्ते में श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया।
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जीवन में संस्कार जरूरी
बेंगलूरु. वर्धमान श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ शांतिनगर के जैन स्थानक में साध्वी कुमुदलता व साध्वी महाप्रज्ञा ने ‘संस्कार का शंखनाद घर में कैसे गुंजायमान होÓ विषय पर प्रवचन दिया। उन्होंने कहा कि जीवन में संस्कार जरूरी है। संघ मंत्री छगनलाल लुणावत ने बताया कि शुक्रवार को पूज्य हुकमीचंद की पुण्यतिथि पर सुबह ८.३० बजे अनुष्ठान व प्रवचन होंगे।
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