दरअसल, डीजे हल्ली के करीब ही शामपुर रोड में यह हनुमान मंदिर है। सूत्रों के मुताबिक कुछ उपद्रवी मोटरबाइक से मंदिर के पास आए और वहां थाने की ओर निकल गए। उनके पीछे-पीछे भीड़ चल पड़ी। इस बीच तो कुछ मुस्लिमों युवाओं ने अंदाजा लगाया कि कहीं ये लौटते वक्त मंदिर में भी तोड़-फोड़ न मचाए।
एक निजी कंपनी में काम करने वाले खलीद ने बताया कि ‘मंदिर के पास जब उपद्रवी पहुंचे तो हमें लगा कि अब ये पत्थर चलाने वाले हैं। यह हिंसा को बढ़ाने वाला साबित होता। हमने उन्हें तुरंत रोका। इस बीच क्षेत्र के कुछ वरिष्ठ भी आए गए। मामला टल गया। लेकिन, हमने महसूस किया कि संभव है कि ये लौटते समय मंदिर पर हमला कर दें। तब हमने मंदिर को सुरक्षा प्रदान करने की योजना बनाई।Ó हिंसा के बीच भाईचारे और सद्भावना की मिसाल कायम करते हुए 100 से अधिक मुस्लिम युवा मंदिर के चारों तरफ मनाव श्रृंखला बनाए। इतना ही नहीं वे रात 11.30 बजे से रात 1 बजे तक मंदिर के आगे डटे रहे ताकि कोई मंदिर में कोई तोड़ फोड़ न हो।