इस बार भी फीकी रहेगी मैसूरु दशहरा महोत्सव की रौनक
बैंगलोरPublished: Sep 05, 2021 04:43:49 am
विश्व प्रसिद्ध मैसूरु दशहरा महोत्सव की रौनक लगातार दूसरे साल फीकी
इस बार भी फीकी रहेगी मैसूरु दशहरा महोत्सव की रौनक
बेंगलूरु. कोरोना महामारी के कारण विश्व प्रसिद्ध मैसूरु दशहरा महोत्सव की रौनक लगातार दूसरे साल फीकी रहेगी। कोरोना की तीसरी लहर के संभावित खतरे को देखते हुए सरकार ने राज्य उत्सव (नाड हब्बा) के तौर पर आयोजित होने वाले महोत्सव के कार्यक्रमों को सीमित रखने का निर्णय लिया है। पिछले साल की तरह इस साल भी आयोजन सादगी भरा होगा और कार्यक्रम भी चामुंडी मंदिर और अम्बा विलास महल तक सीमित होंगे। जंबो सवारी मैसूरु महल परिसर में ही होगी। इस साल भी आम लोगों को कार्यक्रमों में शामिल होने की अनुमति नहीं होगी।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई दशहरा महोत्सव उच्च स्तरीय समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद बोम्मई ने कहा कि नाड हब्बा परंपरागत तरीके से मनाने का निर्णय लिया है। लेकिन, धूमधाम के बजाय पिछले साल की तरह सादगी से आयोजन होगा।
६ करोड़ रुपए का आवंटन
बैठक में इस साल मैसूरु के साथ ही श्रीरंगपट्टण और चामराजनगर में दशहरा महोत्सव के आयोजन के लिए ६ करोड़ रुपए आवंटित करने का निर्णय लिया गया। मैसूरु जिला प्रभारी मंत्री एस टी सोमशेखर ने कहा कि बैठक में २०१९ के बकाया ८.०९ करोड़ रुपए के बिल को भी मंजूरी देने का निर्णय लिया गया।
७ अक्टूबर को उद्घाटन
महोत्सव का उद्घाटन ७ अक्टूबर को सुबह ८.१५ बजे से ८.४५ बजे के बीच होगा। बैठक में महोत्सव के उद्घाटनकर्ता के चयन का दायित्व मुख्यमंत्री को सौंपा गया है। सोमशेखर ने कहा कि इस साल भी युवा दशहरा, फिल्म उत्सव, कुश्ती प्रतियोगिता, फूड मेला, प्रदर्शनी आदि आयोजित नहीं होंगे। सोमशेखर ने कहा कि १५ अक्टूबर को विजयदशमी के मौके पर महोत्सव का समापन होगा। इस पर आयोजित होने वाले जंबो सवारी भी मैसूरु महल परिसर में दोपहर २.४५ बजे से ३.१५ बजे के बीच होगी। कोरोना से पहले जंबो सवारी महल परिसर से बन्नी मंडप तक जाती थी, जहां टार्च लाइट परेड के साथ महोत्सव का समापन होता था। सरकारी और पूर्व शाही परिवार की ओर से अलग-अलग आयोजन होते हैं। कोरोना से पहले परिवार के उत्तराधिकारी का निजी दरबार सैलानियों के आकर्षण का केंद्र होता था।
सीमित होगी लोगों की संख्या
पिछले साल की तरह इस साल भी महोत्सव के उद्घाटन, समापन या अन्य कार्यक्रमों में भाग लेेन वाले लोगों की संख्या सीमित होगी। सोमशेखर ने कहा कि पिछले साल १५० लोगों को उद्घाटन, ५० लोगों को सांस्कृतिक कार्यक्रमों और ३०० लोगों को जंबो सवारी में शामिल होने की अनुमति दी गई थी। हमने मुख्यमंत्री से इस संख्या को दुगुनी करने की अपील की। लेकिन, विशेषज्ञों ने सितम्बर-अक्टूबर में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी दी है। इसलिए २० सितम्बर के बाद हालात को देखते हुए निर्णय लिया जाएगा। यदि कोरोना के मामलों में वृद्धि हुई तो पिछले साल की तरह ही पाबंदियां रहेंगी।